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१८. व्यावसायिक कुशलता समायोजन  
 
१८. व्यावसायिक कुशलता समायोजन  
 
व्यावसायिक कुशलताओं के आधारपर समाज की सभी आवश्यकताओं की पूर्ती करने की आनुवंशिक व्यवस्था को ही जाति नाम से जाना जाता है|
 
व्यावसायिक कुशलताओं के आधारपर समाज की सभी आवश्यकताओं की पूर्ती करने की आनुवंशिक व्यवस्था को ही जाति नाम से जाना जाता है|
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हिंदूंचे समाज रचना शास्त्र, लेखक गोविन्द महादेव जोशी, प्रकाशक  
 
हिंदूंचे समाज रचना शास्त्र, लेखक गोविन्द महादेव जोशी, प्रकाशक  
 
हिंदूंचे अर्थशास्त्र भाग १, लेखक गोविन्द महादेव जोशी, प्रकाशक
 
हिंदूंचे अर्थशास्त्र भाग १, लेखक गोविन्द महादेव जोशी, प्रकाशक
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[[Category:Bhartiya Jeevan Pratiman (भारतीय जीवन (प्रतिमान)]]
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