महाराज ना चाहते हुए भी परदे के पीछे छुप गए, पहला नौकर आया । पंडित रामा ने पूछा की तुमने हीरे को देखा था तो बताओ हीरा कैसा दिखता था? सैनिक से कागज और कलम मंगवाया परन्तु पहला नौकर उत्तर ना दे सका । दूसरे को बुलाया गया परन्तु दूसरा गोल गोल करता रह गया, तीसरा नौकर भी आया परन्तु वह भी निरुत्तर था। महाराज को गुस्सा आ गया, वह तुरंत परदे के पीछे से निकल आये उनको देखते ही नौकर डर गया और सब सच बता दिया । महाराज ने मालिक पर जुर्माना लगाया और फरियादी को मालिक से ३० सोने की मुहरे दिलवाए और हीरों को राज्यकोष में जमा करा दिया गया । फरियादी खुश हो गया । महाराज तेनालीरामा से बहुत प्रसन्न हुए और शाबाशी दी । | महाराज ना चाहते हुए भी परदे के पीछे छुप गए, पहला नौकर आया । पंडित रामा ने पूछा की तुमने हीरे को देखा था तो बताओ हीरा कैसा दिखता था? सैनिक से कागज और कलम मंगवाया परन्तु पहला नौकर उत्तर ना दे सका । दूसरे को बुलाया गया परन्तु दूसरा गोल गोल करता रह गया, तीसरा नौकर भी आया परन्तु वह भी निरुत्तर था। महाराज को गुस्सा आ गया, वह तुरंत परदे के पीछे से निकल आये उनको देखते ही नौकर डर गया और सब सच बता दिया । महाराज ने मालिक पर जुर्माना लगाया और फरियादी को मालिक से ३० सोने की मुहरे दिलवाए और हीरों को राज्यकोष में जमा करा दिया गया । फरियादी खुश हो गया । महाराज तेनालीरामा से बहुत प्रसन्न हुए और शाबाशी दी । |