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| # इन प्रश्न के उत्तर में लिखा है कि विद्यालय सरस्वती का मन्दिर है अतः पवित्रता आवश्यक है। शैक्षिक कार्य तनाव रहित होने चाहिए, जो पवित्र वातावरण में ही सम्भव है। इस प्रकार के विभिन्न मत प्राप्त हुए । | | # इन प्रश्न के उत्तर में लिखा है कि विद्यालय सरस्वती का मन्दिर है अतः पवित्रता आवश्यक है। शैक्षिक कार्य तनाव रहित होने चाहिए, जो पवित्र वातावरण में ही सम्भव है। इस प्रकार के विभिन्न मत प्राप्त हुए । |
| # एक ने मन की शुद्धता एवं निष्कपटता, इन शब्दों में पवित्रता की मानसिकता का वर्णन किया । अन्य सभी इस प्रश्न पर मौन रहे। | | # एक ने मन की शुद्धता एवं निष्कपटता, इन शब्दों में पवित्रता की मानसिकता का वर्णन किया । अन्य सभी इस प्रश्न पर मौन रहे। |
− | # विद्यालय में पवित्रता निर्माण करने हेतु व्यवस्थाओं में, विद्यालय की वन्दना सभा के अन्तर्गत प्रार्थना, मानस की चौपाइयाँ, अष्टादश श्लोकी गीता, बोध-कथाएँ आदि का उल्लेख किया। | + | # विद्यालय में पवित्रता निर्माण करने हेतु व्यवस्थाओं में, विद्यालय की वन्दना सभा के अन्तर्गत प्रार्थना, मानस की चौपाइयाँ, अष्टादश श्लोकी गीता, बोध-कथाएँँ आदि का उल्लेख किया। |
| # पवित्रता का वातावरण निर्माण होने में संस्थाचालक, प्रधानाचार्य, शिक्षक, कर्मचारी, अभिभावक तथा विद्यार्थी सबका योगदान होना चाहिए, ऐसा सबका मत था । प्रत्येक के योगदान का स्वरूप कैसा हो, इस बात में अस्पष्टता दिखाई दी। | | # पवित्रता का वातावरण निर्माण होने में संस्थाचालक, प्रधानाचार्य, शिक्षक, कर्मचारी, अभिभावक तथा विद्यार्थी सबका योगदान होना चाहिए, ऐसा सबका मत था । प्रत्येक के योगदान का स्वरूप कैसा हो, इस बात में अस्पष्टता दिखाई दी। |
| # पवित्र वातावरण बनाने हेतु भौतिक दृष्टि से सुन्दरता व साज-सज्जा करना, मानसिक दृष्टि से मन को अच्छी प्रेरणा प्राप्त हो, आचरण की दृष्टि से सबका आपसी व्यवहार अच्छा हो, ऐसे सुझाव मिले । | | # पवित्र वातावरण बनाने हेतु भौतिक दृष्टि से सुन्दरता व साज-सज्जा करना, मानसिक दृष्टि से मन को अच्छी प्रेरणा प्राप्त हो, आचरण की दृष्टि से सबका आपसी व्यवहार अच्छा हो, ऐसे सुझाव मिले । |