आचार्य ने कहा जी अब आप ही बताइए इसका निष्कर्ष क्या है? पहले गिलास का पानी सोने से बने घड़े का है और दूसरे गिलास का पानी मिटटी के घड़े का है। महारनी ने कहा ऐसे सोने के घड़े का क्या फायदा जो दूसरों को तृप्त नहीं कर सकता, इससे अच्छा तो मिटटी का घडा है जिससे लोगों की तृप्ति होती। देखिये राजन सोना बहुत ही सुन्दर है और मिटटी कितनी कुरूप परन्तु उसके आतंरिक गुण के कारण उसकी उपयोगिता बहुत अधिक है। | आचार्य ने कहा जी अब आप ही बताइए इसका निष्कर्ष क्या है? पहले गिलास का पानी सोने से बने घड़े का है और दूसरे गिलास का पानी मिटटी के घड़े का है। महारनी ने कहा ऐसे सोने के घड़े का क्या फायदा जो दूसरों को तृप्त नहीं कर सकता, इससे अच्छा तो मिटटी का घडा है जिससे लोगों की तृप्ति होती। देखिये राजन सोना बहुत ही सुन्दर है और मिटटी कितनी कुरूप परन्तु उसके आतंरिक गुण के कारण उसकी उपयोगिता बहुत अधिक है। |