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तीसरे भाई ने शेर में जान डाल दिया। जैसे तीसरे भाई ने शेर में जान डाला वैसे ही शेर उस के ऊपर कूद गया। उसी क्षण चौथे भाई ने चुटकी बजा दी वह शेर वापस निर्जीव बन गया। तीसरे भाई ने कहा की आज अगर तुम नहीं होते तो शेर हमें खा जाता। पहले भाई ने कहा कि इस विद्या का प्रयोग मनुष्य के उपर करना चाहिए । तीनों भाई पहले भाई के बात से सहमत हो गये । पहला भाई ने वन से मनुष्य की हडडी लेकर आया और उसे एक ढांचे का स्वरुप दे दिया। दूसरे भाई ने उस में रक्त मांस का उपयोग कर शरीर का निर्माण कर दिया। शरीर निर्माण होते ही सभी उस शरीर को ध्यान से देखने लगे। वह निर्जीव शरीर एक सुन्दर महिला का था। चौथे भाई ने उस स्त्री के शरीर में प्राण डाल दिए |   
 
तीसरे भाई ने शेर में जान डाल दिया। जैसे तीसरे भाई ने शेर में जान डाला वैसे ही शेर उस के ऊपर कूद गया। उसी क्षण चौथे भाई ने चुटकी बजा दी वह शेर वापस निर्जीव बन गया। तीसरे भाई ने कहा की आज अगर तुम नहीं होते तो शेर हमें खा जाता। पहले भाई ने कहा कि इस विद्या का प्रयोग मनुष्य के उपर करना चाहिए । तीनों भाई पहले भाई के बात से सहमत हो गये । पहला भाई ने वन से मनुष्य की हडडी लेकर आया और उसे एक ढांचे का स्वरुप दे दिया। दूसरे भाई ने उस में रक्त मांस का उपयोग कर शरीर का निर्माण कर दिया। शरीर निर्माण होते ही सभी उस शरीर को ध्यान से देखने लगे। वह निर्जीव शरीर एक सुन्दर महिला का था। चौथे भाई ने उस स्त्री के शरीर में प्राण डाल दिए |   
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  [[Category:बाल कथाए एवं प्रेरक प्रसंग]]
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  [[Category:बाल कथाएँ एवं प्रेरक प्रसंग]]

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