स्वाधीनता के पश्चात यह अपेक्षा थी कि शिक्षा राष्ट्रीय बनेगी, धार्मिक (धार्मिक) बनेगी, सेमेटिक मजहबों के प्रभाव से बाहर निकलेगी । दो तीन पीढ़ियों में स्त्री को योग्य स्थान दिलाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। | स्वाधीनता के पश्चात यह अपेक्षा थी कि शिक्षा राष्ट्रीय बनेगी, धार्मिक (धार्मिक) बनेगी, सेमेटिक मजहबों के प्रभाव से बाहर निकलेगी । दो तीन पीढ़ियों में स्त्री को योग्य स्थान दिलाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। |