पन्द्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में यूरोप के विभिन्न देशों के यात्रियों ने अमेरिका, आफ्रिका और एशिया के देशों में जाना आरम्भ किया। अब तो यह प्रसिद्ध घटना है कि भारत आने के लिये निकला हुआ कोलम्बस भारत पहुँचा ही नहीं । भारत के स्थान पर वर्तमान अमेरिका पहुँचा । अपनी मृत्यु तक कोलम्बस उसे भारत और वहां के मूल निवासियों को धार्मिक ही मानता रहा। आल्झाडोर एमेरिगो नामक व्यक्ति ने जाना कि जिसे सब भारत मानते हैं वह भारत नहीं है। उसके नाम से उस भूखण्ड का नाम अमेरिका हुआ । उसी अवधि में वाक्सो-डी-गामा भारत भी पहुँचा । | पन्द्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में यूरोप के विभिन्न देशों के यात्रियों ने अमेरिका, आफ्रिका और एशिया के देशों में जाना आरम्भ किया। अब तो यह प्रसिद्ध घटना है कि भारत आने के लिये निकला हुआ कोलम्बस भारत पहुँचा ही नहीं । भारत के स्थान पर वर्तमान अमेरिका पहुँचा । अपनी मृत्यु तक कोलम्बस उसे भारत और वहां के मूल निवासियों को धार्मिक ही मानता रहा। आल्झाडोर एमेरिगो नामक व्यक्ति ने जाना कि जिसे सब भारत मानते हैं वह भारत नहीं है। उसके नाम से उस भूखण्ड का नाम अमेरिका हुआ । उसी अवधि में वाक्सो-डी-गामा भारत भी पहुँचा । |