सिन्धु को केवल भारतवर्ष की वरन विश्व की विशाल नदी होने का श्रेय प्राप्त है। सिन्धु का उद्गम-स्थान तिब्बत में स्थित केंलास-मानसरोवर के पास है। २५० कि. मी. तिब्बत में तथा ५५० कि.मी. जम्मू-कश्मीर राज्य में बहने के बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती है। कश्मीर में सिन्धुनदी ५२०० मीटर गहरी घाटी में होकर बहती है। पाकिस्तान में सिन्धु नदी में सतलुज तथा सहायक नदियाँ झेलम(वितस्ता), चिनाव(चन्द्रभाग), रावी, व्यास आपस में संगम बनाती हुई मिलती हैं। अपनी सिन्धु के समान विशालता के कारण ही इसका नाम सिन्धु पड़ा। इसकी लम्बाई २८८० कि. मी. है। इसका जल-ग्रहण क्षेत्र ११,६६,००० वर्ग कि.मी. में विस्तृत है। कराची के समीप यह नदी सिन्धुसागर में मिल जाती है। कैलास - मानसरोवर, साधुवेला, सक्खर इसी के तट पर स्थित हैं।ऋग्वेद में वर्णित 'सप्त सिन्धु प्रदेश इसके दोनों ओर पंजाब तक विस्तृत था। महाभारत में इस प्रदेश को सौवीर कहा गया है। वर्तमान पाकिस्तान में सिन्ध प्रान्त इसी नदी के आस-पास स्थित प्रदेश है। वैदिक संस्कृति का विकास यहींहुआ। मोहन जोदड़ो व हड़प्पा की खुदाई से प्राप्त जानकारी से इस प्रदेश के प्राचीन वैभव का पता चलता है। | सिन्धु को केवल भारतवर्ष की वरन विश्व की विशाल नदी होने का श्रेय प्राप्त है। सिन्धु का उद्गम-स्थान तिब्बत में स्थित केंलास-मानसरोवर के पास है। २५० कि. मी. तिब्बत में तथा ५५० कि.मी. जम्मू-कश्मीर राज्य में बहने के बाद यह पाकिस्तान में प्रवेश करती है। कश्मीर में सिन्धुनदी ५२०० मीटर गहरी घाटी में होकर बहती है। पाकिस्तान में सिन्धु नदी में सतलुज तथा सहायक नदियाँ झेलम(वितस्ता), चिनाव(चन्द्रभाग), रावी, व्यास आपस में संगम बनाती हुई मिलती हैं। अपनी सिन्धु के समान विशालता के कारण ही इसका नाम सिन्धु पड़ा। इसकी लम्बाई २८८० कि. मी. है। इसका जल-ग्रहण क्षेत्र ११,६६,००० वर्ग कि.मी. में विस्तृत है। कराची के समीप यह नदी सिन्धुसागर में मिल जाती है। कैलास - मानसरोवर, साधुवेला, सक्खर इसी के तट पर स्थित हैं।ऋग्वेद में वर्णित 'सप्त सिन्धु प्रदेश इसके दोनों ओर पंजाब तक विस्तृत था। महाभारत में इस प्रदेश को सौवीर कहा गया है। वर्तमान पाकिस्तान में सिन्ध प्रान्त इसी नदी के आस-पास स्थित प्रदेश है। वैदिक संस्कृति का विकास यहींहुआ। मोहन जोदड़ो व हड़प्पा की खुदाई से प्राप्त जानकारी से इस प्रदेश के प्राचीन वैभव का पता चलता है। |