यह शल्यक्रिया करने कि उनकी पद्धति यह है कि वे इसमें से थोड़ासा मवाद (जब चेचक की फुँसियाँ पकने लगती हैं तथा भर जाती हैं) निकालते हैं तथा इन्हें बड़ी नुकीली पैनी सुई से छेदते हैं। इस तरह से वे इनमें सुई चुभो- चुभोकर असंच्छद पेशी में या कई बार मस्तक के भाग की फुंसियों से मवाद निकालते हैं और उसके बाद उस भाग पर उबले हुए चावल से तैयार किया गया कुछ लेप लगाकर उसे ढक देते हैं। | यह शल्यक्रिया करने कि उनकी पद्धति यह है कि वे इसमें से थोड़ासा मवाद (जब चेचक की फुँसियाँ पकने लगती हैं तथा भर जाती हैं) निकालते हैं तथा इन्हें बड़ी नुकीली पैनी सुई से छेदते हैं। इस तरह से वे इनमें सुई चुभो- चुभोकर असंच्छद पेशी में या कई बार मस्तक के भाग की फुंसियों से मवाद निकालते हैं और उसके बाद उस भाग पर उबले हुए चावल से तैयार किया गया कुछ लेप लगाकर उसे ढक देते हैं। |