शिक्षा विविध जानकारियों का ढेर नहीं है, जो तुम्हारे मास्तिष्क में दूस दिया गया है और जो आत्मसात् हुए बिना वहाँ आजन्म पड़ा रहकर गड़बड़ मचाया करता है । हमें उन विचारों की अनुभूति कर लेने की आवश्यकता है, जो जीवन-निर्माण, “मनुष्य -निर्माण तथा चखिन-निर्माण में सहायक हों । | शिक्षा विविध जानकारियों का ढेर नहीं है, जो तुम्हारे मास्तिष्क में दूस दिया गया है और जो आत्मसात् हुए बिना वहाँ आजन्म पड़ा रहकर गड़बड़ मचाया करता है । हमें उन विचारों की अनुभूति कर लेने की आवश्यकता है, जो जीवन-निर्माण, “मनुष्य -निर्माण तथा चखिन-निर्माण में सहायक हों । |