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महाराज ने तेनालीरामा से कहा - "मुझे अपने निजी अंगरक्षकों पर संदेह है क्योंकि मेरे निजी कक्ष मे केवल वे ही लोग आ सकते हैं। दूसरे किसी को आने की आज्ञा नही है।" महाराज की बातें सुनने के बाद तेनालीरामा ने कहा "महाराज आप चिता मत कीजिए, चोर जल्द से जल्द पकड़ा जायेगा। महाराज आप अपने निजी अंगरक्षको बुलवाइए और जैसा तेनालीरामा कहते है वैसा करने का आदेश  दीजिये।"
 
महाराज ने तेनालीरामा से कहा - "मुझे अपने निजी अंगरक्षकों पर संदेह है क्योंकि मेरे निजी कक्ष मे केवल वे ही लोग आ सकते हैं। दूसरे किसी को आने की आज्ञा नही है।" महाराज की बातें सुनने के बाद तेनालीरामा ने कहा "महाराज आप चिता मत कीजिए, चोर जल्द से जल्द पकड़ा जायेगा। महाराज आप अपने निजी अंगरक्षको बुलवाइए और जैसा तेनालीरामा कहते है वैसा करने का आदेश  दीजिये।"
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महाराज ने तेनालीरामा की बात मानकर सभी अंगरक्षकों को आने का आदेश दिया। सभी अठारह अंगरक्षक उपस्थित हुए। तेनालीरामा ने सभी से कहा हमें  दर्शन करने के लिए मंदिर चलना है। सभी अंगरक्षक और महाराज मंदिर पहुँचे। वहां पर तेनालीरामा ने बताया कि महाराज की प्रिय मुद्रिका चोरी हो गई है मुझे देवी माता रात्रि स्वप्न मे चोर के बारे में बताएंगी। इसलिए आप सभी एक एक कर के देवी का दर्शन चरण स्पर्श करके तुरंत बाहर आ जाइए। तेनालीरामा ने मन्दिर के पुजारी के कान में  धीरे से कुछ कहा और बाहर आ गये।
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महाराज ने तेनालीरामा की बात मानकर सभी अंगरक्षकों को आने का आदेश दिया। सभी अठारह अंगरक्षक उपस्थित हुए। तेनालीरामा ने सभी से कहा हमें  दर्शन करने के लिए मंदिर चलना है। सभी अंगरक्षक और महाराज मंदिर पहुँचे। वहां पर तेनालीरामा ने बताया कि महाराज की प्रिय मुद्रिका चोरी हो गई है मुझे देवी माता रात्रि स्वप्न मे चोर के बारे में बताएंगी। अतः आप सभी एक एक कर के देवी का दर्शन चरण स्पर्श करके तुरंत बाहर आ जाइए। तेनालीरामा ने मन्दिर के पुजारी के कान में  धीरे से कुछ कहा और बाहर आ गये।
    
सभी अंगरक्षक दर्शन करने लगे जैसे ही अंगरक्षक बाहर आते तुरंत तेनालीरामा उनके हाथो को चूम लेते थे। सभी अंगरक्षकों ने देवी का दर्शन कर लिया। तब महाराज ने तेनालीरामा से पूछा "इन सभी अंगरक्षकों का क्या करना है? सभी को आज कारागार मे रखना पड़ेगा क्योंकि चोर की जानकारी देवी माता आपको आज रात्रि स्वप्न में बताएगी।"  
 
सभी अंगरक्षक दर्शन करने लगे जैसे ही अंगरक्षक बाहर आते तुरंत तेनालीरामा उनके हाथो को चूम लेते थे। सभी अंगरक्षकों ने देवी का दर्शन कर लिया। तब महाराज ने तेनालीरामा से पूछा "इन सभी अंगरक्षकों का क्या करना है? सभी को आज कारागार मे रखना पड़ेगा क्योंकि चोर की जानकारी देवी माता आपको आज रात्रि स्वप्न में बताएगी।"  

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