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=== कालखण्ड -२ (१९६७ से लगभग १९८० तक) ===
 
=== कालखण्ड -२ (१९६७ से लगभग १९८० तक) ===
भ्रष्ट अर्थ व्यवस्था का आरम्भ व् जड़ में पकड़ : कालखंड १ में भारत के लोग आर्थिक रूप से भले ही कमजोर रहे, मगर अत्यंत ईमानदारी से अपने कार्य को पूरा करते थे। इस दूसरे कालखंड में भारत के लोगों ने अपनी ईमानदारी के मूल्यों को तिलांजलि देना शुरु कर दिया । जब कोई राष्ट्र आर्थिक रूप से कमजोर बना रहता है, भ्रष्ट लोगों द्वारा राजनैतिक, व्यापारिक, व ब्यूरोक्रेटिक गठबंधन बनाना आसान व स्वाभाविक हो जाता है। ऐसे में यदि राष्ट्र का नेतृत्व छोटे भ्रष्ट आचरणों को नजरअंदाज करने लगे या खुद ही ऐसा करने लगे, तो भ्रष्टता समाज-व्यवस्था के जड़ में ही घर करने लगती है। भारत जैसे विशाल राष्ट्र, जहाँ बड़ी जनसँख्या, लम्बी दूरियां, सड़कों व कम्युनिकेशन का भारी अभाव रहा, भ्रष्टता ने धीरे-धीरे इस कदर घर कर लिया, कि ईमानदारी से काम करने वाले उपहास के पात्र बनते चले गए और इस कालखंड में भ्रष्टता ने पूरी सामाजिकआर्थिक-राजनैतिक-व्यापारिक व्यवस्था में गहरी जड़ पकड़ ली। यद्यपि अब तक भारत, विश्व से अलग थलग ही रहा, मगर भ्रष्ट लोगों ने अवश्य वैश्विक सम्बन्ध स्थापित किये, ताकि भ्रष्टता से पाए धन को राष्ट्र से बाहर ले जाया जा सके।
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भ्रष्ट अर्थ व्यवस्था का आरम्भ व् जड़ में पकड़ : कालखंड १ में भारत के लोग आर्थिक रूप से भले ही कमजोर रहे, मगर अत्यंत ईमानदारी से अपने कार्य को पूरा करते थे। इस दूसरे कालखंड में भारत के लोगों ने अपनी ईमानदारी के मूल्यों को तिलांजलि देना आरम्भ कर दिया । जब कोई राष्ट्र आर्थिक रूप से कमजोर बना रहता है, भ्रष्ट लोगों द्वारा राजनैतिक, व्यापारिक, व ब्यूरोक्रेटिक गठबंधन बनाना आसान व स्वाभाविक हो जाता है। ऐसे में यदि राष्ट्र का नेतृत्व छोटे भ्रष्ट आचरणों को नजरअंदाज करने लगे या खुद ही ऐसा करने लगे, तो भ्रष्टता समाज-व्यवस्था के जड़ में ही घर करने लगती है। भारत जैसे विशाल राष्ट्र, जहाँ बड़ी जनसँख्या, लम्बी दूरियां, सड़कों व कम्युनिकेशन का भारी अभाव रहा, भ्रष्टता ने धीरे-धीरे इस कदर घर कर लिया, कि ईमानदारी से काम करने वाले उपहास के पात्र बनते चले गए और इस कालखंड में भ्रष्टता ने पूरी सामाजिकआर्थिक-राजनैतिक-व्यापारिक व्यवस्था में गहरी जड़ पकड़ ली। यद्यपि अब तक भारत, विश्व से अलग थलग ही रहा, मगर भ्रष्ट लोगों ने अवश्य वैश्विक सम्बन्ध स्थापित किये, ताकि भ्रष्टता से पाए धन को राष्ट्र से बाहर ले जाया जा सके।
    
=== कालखण्ड - ३ (१९८० से लगभग १९९० तक): ===
 
=== कालखण्ड - ३ (१९८० से लगभग १९९० तक): ===

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