एक समय की बात है। एक घने जंगल में एक खरगोश रहता था, जिसको अपने दौड़ने की गति पर बहुत घमंड था। उसे जंगल में जो दिखता, उसे वो अपने साथ दौडने की चुनौती दे देता। खरगोश हमेशा दूसरे जानवरों के मध्य में खुद की तारीफ करता और कई बार दूसरे का मजाक भी उड़ाता । एक दिन कछुआ जंगल में घूम रहा था । अचानक खरगोश ने कछुए को देखा; उसकी सुस्त चाल को देखकर खरगोश मन ही मन हँसाने लगा और कछुए को दौड़स्पर्धा की चुनौती दे दी। कछुए ने अपने आत्मविश्वास के बल पर और खरगोश के घमंड को देखकर, खरगोश की चुनौती स्वीकार कर ली और दौड़ लगाने के लिए तैयार हो गया। | एक समय की बात है। एक घने जंगल में एक खरगोश रहता था, जिसको अपने दौड़ने की गति पर बहुत घमंड था। उसे जंगल में जो दिखता, उसे वो अपने साथ दौडने की चुनौती दे देता। खरगोश हमेशा दूसरे जानवरों के मध्य में खुद की तारीफ करता और कई बार दूसरे का मजाक भी उड़ाता । एक दिन कछुआ जंगल में घूम रहा था । अचानक खरगोश ने कछुए को देखा; उसकी सुस्त चाल को देखकर खरगोश मन ही मन हँसाने लगा और कछुए को दौड़स्पर्धा की चुनौती दे दी। कछुए ने अपने आत्मविश्वास के बल पर और खरगोश के घमंड को देखकर, खरगोश की चुनौती स्वीकार कर ली और दौड़ लगाने के लिए तैयार हो गया। |