Line 477: |
Line 477: |
| नन्दिनी ने कहा, हाथ धोकर आ रही हूँ। | | नन्दिनी ने कहा, हाथ धोकर आ रही हूँ। |
| | | |
− | नन्दिनी हाथ-पैर धोकर भोजन करने बैठी। अरे वाह ! आज तो सभी मन पसन्द वस्तुएँ बनी हैं। भूख भी जोर की लगी है । उसने तो फटाफट खाना शुरु कर दिया । गरमागरम मस्त दाल-भात बने हैं । वह तो मजे ले लेकर खाये जा रही है । इतने में उसकी माँ का ध्यान नन्दिनी की ओर गया तो देखा कि फटाफट खाने से भोजन के कण नीचे गिर रहे हैं। | + | नन्दिनी हाथ-पैर धोकर भोजन करने बैठी। अरे वाह ! आज तो सभी मन पसन्द वस्तुएँ बनी हैं। भूख भी जोर की लगी है । उसने तो फटाफट खाना आरम्भ कर दिया । गरमागरम मस्त दाल-भात बने हैं । वह तो मजे ले लेकर खाये जा रही है । इतने में उसकी माँ का ध्यान नन्दिनी की ओर गया तो देखा कि फटाफट खाने से भोजन के कण नीचे गिर रहे हैं। |
| | | |
| माँ ने डाँटते हुए कहा, नन्दिनी ! अच्छी तरह भोजन कर, बाहर मत गिरा। | | माँ ने डाँटते हुए कहा, नन्दिनी ! अच्छी तरह भोजन कर, बाहर मत गिरा। |
Line 530: |
Line 530: |
| मित्रों। तुम्हें बाजार में जाना अच्छा लगता है न ! मन पसन्द वस्तुओं की दुकानें, रंग-बिरंगे खिलौने, स्वादिष्ट खाने पीने की वस्तुएँ देखकर ही मुँह में पानी आ जाता होगा। फिर तो तुम अपने अपने माँ-बापुजी से लेने की जिद करते होंगे। | | मित्रों। तुम्हें बाजार में जाना अच्छा लगता है न ! मन पसन्द वस्तुओं की दुकानें, रंग-बिरंगे खिलौने, स्वादिष्ट खाने पीने की वस्तुएँ देखकर ही मुँह में पानी आ जाता होगा। फिर तो तुम अपने अपने माँ-बापुजी से लेने की जिद करते होंगे। |
| | | |
− | कोई अच्छी वस्तु तुम्हारे मित्र के पास हो तो तुम्हें भी ऐसा लगता है कि यह वस्तु तो मेरे पास भी होनी चाहिए। फिर तो तुरन्त खरीदकर लाने का आग्रह शुरु हो जाता है, और जब तक वह वस्तु हाथ में नहीं आ जाती तब तक आग्रह चालू ही रहता है। | + | कोई अच्छी वस्तु तुम्हारे मित्र के पास हो तो तुम्हें भी ऐसा लगता है कि यह वस्तु तो मेरे पास भी होनी चाहिए। फिर तो तुरन्त खरीदकर लाने का आग्रह आरम्भ हो जाता है, और जब तक वह वस्तु हाथ में नहीं आ जाती तब तक आग्रह चालू ही रहता है। |
| | | |
| परन्तु ऐसा करना ठीक नहीं है। हमारे लिये आवश्यक ऐसी सभी वस्तुएँ हमें हमारे माँ-बापुजी लाकर देते ही हैं। | | परन्तु ऐसा करना ठीक नहीं है। हमारे लिये आवश्यक ऐसी सभी वस्तुएँ हमें हमारे माँ-बापुजी लाकर देते ही हैं। |
Line 606: |
Line 606: |
| कक्षा चल रही थी। बहनजी ने कक्षा में प्रवेश किया तो सबने उन्हें नमस्ते किया। बहनजी ने उपस्थिति भरी और मीरा को बुलाया। | | कक्षा चल रही थी। बहनजी ने कक्षा में प्रवेश किया तो सबने उन्हें नमस्ते किया। बहनजी ने उपस्थिति भरी और मीरा को बुलाया। |
| | | |
− | मीरा आई तो बहिनजीने उसे बताया कि आज बुधवार है, आने वाले शनिवार को हमारे विद्यालय में भाषण की प्रतियोगिता होगी। अपनी कक्षा में से मैंने तुम्हारा नाम लिखवाया है। इसलिए तू आजसे ही तैयारी शुरु कर दे। | + | मीरा आई तो बहिनजीने उसे बताया कि आज बुधवार है, आने वाले शनिवार को हमारे विद्यालय में भाषण की प्रतियोगिता होगी। अपनी कक्षा में से मैंने तुम्हारा नाम लिखवाया है। इसलिए तू आजसे ही तैयारी आरम्भ कर दे। |
| | | |
| प्रतियोगिता का विषय है, 'मेरा प्रिय त्योहार' | | प्रतियोगिता का विषय है, 'मेरा प्रिय त्योहार' |