| #विदेश में भी जो चोरी करते हैं और अनीति का आचरण करते हैं वे देश में क्या नहीं करेंगे ? यहाँ भी कानून तोडना, घूस देना और लेना, कस्वोरी करना, परीक्षा में नकल करना, पैसा लेकर मत बेचना, शराबबन्दी होने पर भी शराब बेचना और पीना, गोबधबन्दी होने पर भी गोहत्या करना, मौका मिले तो बिना टिकट यात्रा करना धूमधाम से चल रहा है । खुछ्ठम-खु्ठा चोरी, डकैती, लूट, हत्या आदि की बात तो अलग है, यह तो सारे अनीति के मामले हैं । | | #विदेश में भी जो चोरी करते हैं और अनीति का आचरण करते हैं वे देश में क्या नहीं करेंगे ? यहाँ भी कानून तोडना, घूस देना और लेना, कस्वोरी करना, परीक्षा में नकल करना, पैसा लेकर मत बेचना, शराबबन्दी होने पर भी शराब बेचना और पीना, गोबधबन्दी होने पर भी गोहत्या करना, मौका मिले तो बिना टिकट यात्रा करना धूमधाम से चल रहा है । खुछ्ठम-खु्ठा चोरी, डकैती, लूट, हत्या आदि की बात तो अलग है, यह तो सारे अनीति के मामले हैं । |
− | यह अनीति समाजविरोधी है, देशविरोधी है, धर्मविरोधी है । भारत की विचारधारा कभी भी इसका समर्थन नहीं करती । भारत की परम्परा इसकी कभी भी दुहाई नहीं देती । यहाँ तो दो शत्रुओं के बीच युद्ध भी धर्म के नियमों का पालन करके होते हैं। निहत्थे शत्रु के साथ लडने के लिये व्यक्ति अपना हथियार छोड देता है क्योंकि एक के हाथ में शस्त्र हो और दूसरे के हाथ में न हो तो शख्रधारी निःशस्त्र के साथ युद्ध करे यह अन्याय है, अधर्म है । | + | यह अनीति समाजविरोधी है, देशविरोधी है, धर्मविरोधी है । भारत की विचारधारा कभी भी इसका समर्थन नहीं करती । भारत की परम्परा इसकी कभी भी दुहाई नहीं देती । यहाँ तो दो शत्रुओं के मध्य युद्ध भी धर्म के नियमों का पालन करके होते हैं। निहत्थे शत्रु के साथ लडने के लिये व्यक्ति अपना हथियार छोड देता है क्योंकि एक के हाथ में शस्त्र हो और दूसरे के हाथ में न हो तो शख्रधारी निःशस्त्र के साथ युद्ध करे यह अन्याय है, अधर्म है । |
| नीतिमत्ता का ह्रास वर्तमान समय का राष्ट्रीय संकट है । इसके साथ लडने हेतु और इस संकट को दूर करने हेतु विद्यालय, घर और धर्माचार्यों ने जिम्मेदारी लेकर योजना बनानी होगी । | | नीतिमत्ता का ह्रास वर्तमान समय का राष्ट्रीय संकट है । इसके साथ लडने हेतु और इस संकट को दूर करने हेतु विद्यालय, घर और धर्माचार्यों ने जिम्मेदारी लेकर योजना बनानी होगी । |