सम्राट ने कहा आप उनके निवास स्थान पर जा कर भेंट कर ले । सभी अतिथि आचार्य चाणक्य जी के निवास पर पहुंचे आचार्य जी अपने निवास के कार्यालय में बैठकर दीपक की रोशनी में कुछ राजकीय कार्य कर रहे थे आचार्य जी ने अतिथिों को देखा सभी ने आचार्य को प्रणाम किया कहा "आचार्य जी आपसे हमे कुछ निजी कार्य में मार्गदर्शन चाहियें । आचार्य अपने आसन से उठे और दीपक बुझाकर आचार्य जी ने दूसरा दीपक जलाकर उस दीपक के स्थान पर रख दिया । अतिथिों में एक व्यक्ति उस क्रिया पर ध्यान दे रहे थे । | सम्राट ने कहा आप उनके निवास स्थान पर जा कर भेंट कर ले । सभी अतिथि आचार्य चाणक्य जी के निवास पर पहुंचे आचार्य जी अपने निवास के कार्यालय में बैठकर दीपक की रोशनी में कुछ राजकीय कार्य कर रहे थे आचार्य जी ने अतिथिों को देखा सभी ने आचार्य को प्रणाम किया कहा "आचार्य जी आपसे हमे कुछ निजी कार्य में मार्गदर्शन चाहियें । आचार्य अपने आसन से उठे और दीपक बुझाकर आचार्य जी ने दूसरा दीपक जलाकर उस दीपक के स्थान पर रख दिया । अतिथिों में एक व्यक्ति उस क्रिया पर ध्यान दे रहे थे । |