# ग्राम के सभी सदस्यों की स्वाभाविक, शासकीय और आर्थिक स्वतन्त्रता की रक्षा हो।
# ग्राम के सभी सदस्यों की स्वाभाविक, शासकीय और आर्थिक स्वतन्त्रता की रक्षा हो।
# ग्राम के सभी लोगों और उनके धन की तथा ग्राम की सुरक्षा की व्यवस्था करना।
# ग्राम के सभी लोगों और उनके धन की तथा ग्राम की सुरक्षा की व्यवस्था करना।
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# ग्राम ग्रामकुल बने। ग्राम के सभी सदस्य कुटुम्ब भावना से रहें ऐसा व्यवहार हो, ऐसा वातावरण रहे, ऐसे कार्यक्रमों का ही आयोजन हो। हर कुटुम्ब का मेहमान ग्राम का मेहमान है ऐसा उससे व्यवहार करना।
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# ग्राम ग्रामकुल बने। ग्राम के सभी सदस्य कुटुम्ब भावना से रहें ऐसा व्यवहार हो, ऐसा वातावरण रहे, ऐसे कार्यक्रमों का ही आयोजन हो। हर कुटुम्ब का अतिथि ग्राम का अतिथि है ऐसा उससे व्यवहार करना।
# विश्व की प्रत्येक श्रेष्ठ बात ग्राम में उपलब्ध हो। ऐसी कुशलताओं का यथासंभव विकास हो।
# विश्व की प्रत्येक श्रेष्ठ बात ग्राम में उपलब्ध हो। ऐसी कुशलताओं का यथासंभव विकास हो।
# ग्राम का युवक, धन पूर्णत: और पानी यथासम्भव ग्राम से बाहर न जाए।
# ग्राम का युवक, धन पूर्णत: और पानी यथासम्भव ग्राम से बाहर न जाए।