ऐसा ही कपड़ों में होता है। दूसरे मित्रों की देखादेखी में तुम वह खरीद तो लेते हो, परन्तु व्यर्थ में पैसा खर्च होता है, उसका क्या ? तुम्हें भी उनकी बात माननी चाहिए। | ऐसा ही कपड़ों में होता है। दूसरे मित्रों की देखादेखी में तुम वह खरीद तो लेते हो, परन्तु व्यर्थ में पैसा खर्च होता है, उसका क्या ? तुम्हें भी उनकी बात माननी चाहिए। |