सभी लोगों के साथ योग्य व्यवहार करना एवं शास्त्रों में बताये गए पद्धति का उत्तम कर्मों द्वारा आचरण करना सदाचार है। इससे गलत आदतों , गुणों और गलत आचरणों एवं गलत विचारो का नाश होकर बाहर और भीतर की पवित्रता होती है तथा सद्गुणों की उत्पत्ति एवं विकास होता है। | सभी लोगों के साथ योग्य व्यवहार करना एवं शास्त्रों में बताये गए पद्धति का उत्तम कर्मों द्वारा आचरण करना सदाचार है। इससे गलत आदतों , गुणों और गलत आचरणों एवं गलत विचारो का नाश होकर बाहर और भीतर की पवित्रता होती है तथा सद्गुणों की उत्पत्ति एवं विकास होता है। |