तेनालीरामा ने जब यह बात सुनी उन्हें बहुत बुरा लगा कि विजयनगर में यह बात सही नहीं है। उस साहूकार को उसकी गलती का अनुभव करना आवश्यक है । तेनालीरामा ने उसे ठीक करने के लिए एक युक्ति सोची। तेनालीरामा उस साहूकार के पास गए, और उन्होंने कहा "हमारे भवन में भोज करवाना है, कुछ बर्तनों की आवश्यकता है, मिल जायेगा क्या?" साहूकार ने उत्तर दिया, "क्यों नहीं? अवश्य मिलेगा बताइए कितने बर्तन चाहिए।" तेनालीरामा ने कहा "जी मुझे तीन बड़े पतीलों की आवश्यकता है।" साहूकार ने कहा "प्रतिदिन की २ सोने की मुहरे लगेगी।" तेनालीरामा समझ गए थे की मूल्य बहुत अधिक है परन्तु उस साहूकार को ठीक करने के लिए यह व्यय आवश्यक था। तेनालीरामा ने बर्तन लिए और बाजार में गए। वहां उन्होंने एकदम वैसे ही दिखने वाले छोटे बर्तन ख़रीदे। दूसरे दिन तेनालीरामा साहूकार का बर्तन देने गए। तेनालीरामा ने साहूकार से कहा "बंधू आपके बर्तन गर्भावस्था में थे! उन्होंने बर्तनों को जन्म दिया है।" | तेनालीरामा ने जब यह बात सुनी उन्हें बहुत बुरा लगा कि विजयनगर में यह बात सही नहीं है। उस साहूकार को उसकी गलती का अनुभव करना आवश्यक है । तेनालीरामा ने उसे ठीक करने के लिए एक युक्ति सोची। तेनालीरामा उस साहूकार के पास गए, और उन्होंने कहा "हमारे भवन में भोज करवाना है, कुछ बर्तनों की आवश्यकता है, मिल जायेगा क्या?" साहूकार ने उत्तर दिया, "क्यों नहीं? अवश्य मिलेगा बताइए कितने बर्तन चाहिए।" तेनालीरामा ने कहा "जी मुझे तीन बड़े पतीलों की आवश्यकता है।" साहूकार ने कहा "प्रतिदिन की २ सोने की मुहरे लगेगी।" तेनालीरामा समझ गए थे की मूल्य बहुत अधिक है परन्तु उस साहूकार को ठीक करने के लिए यह व्यय आवश्यक था। तेनालीरामा ने बर्तन लिए और बाजार में गए। वहां उन्होंने एकदम वैसे ही दिखने वाले छोटे बर्तन ख़रीदे। दूसरे दिन तेनालीरामा साहूकार का बर्तन देने गए। तेनालीरामा ने साहूकार से कहा "बंधू आपके बर्तन गर्भावस्था में थे! उन्होंने बर्तनों को जन्म दिया है।" |