एक बार महाराज कृष्णदेवराय जी के सेनापति राजेंद्र को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। सेनापति राजेंद्र ने महाराज, सभी मंत्री गणों एवं आचार्य गुरुजनों को इस प्रसन्नता के अवसर पर भोज के लिए आमंत्रित किया। सभी लोग महाराज के साथ सेनापति के निवास पर भोज के लिए पहुचें। नन्हे बालक के दर्शन के लिए सभी बालक के नजदीक गये जो कि पालने में लेटा हुआ था। | एक बार महाराज कृष्णदेवराय जी के सेनापति राजेंद्र को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। सेनापति राजेंद्र ने महाराज, सभी मंत्री गणों एवं आचार्य गुरुजनों को इस प्रसन्नता के अवसर पर भोज के लिए आमंत्रित किया। सभी लोग महाराज के साथ सेनापति के निवास पर भोज के लिए पहुचें। नन्हे बालक के दर्शन के लिए सभी बालक के नजदीक गये जो कि पालने में लेटा हुआ था। |