विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल की प्रशंसा चारो फैली हुई थी । हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था । एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा । महाराज का सभा लगा था । सभा में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया । महाराज ने उस दर्शनार्थी से विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा । दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मैं रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा। | विजयनगर राज्य की महानता और तेनाली रामा के बुद्धिकौशल की प्रशंसा चारो फैली हुई थी । हमेशा तेनालीरामा की परीक्षा के लिए कोई ना कोई आता रहता था । एक दिन विदेश से एक विदेशी दर्शनार्थी विजयनगर राज्य पहुंचा । महाराज का सभा लगा था । सभा में वह दर्शनार्थी आया उसका स्वागत किया गया । महाराज ने उस दर्शनार्थी से विजयनगर आने के प्रयोजन के बारे पूछा । दर्शनार्थी ने उत्तर दिया " महाराज मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हु जो कोई भी इस प्रश्न का उत्तर दे देगा उसे मैं रत्न जड़ित हार पारितोषिक स्वरूप दूंगा। |