Changes

Jump to navigation Jump to search
m
Text replacement - "निरिक्षण" to "निरीक्षण"
Line 1: Line 1:  
महाराज कृष्णदेवराय जी का सभा लगा था । सभी मंत्री गणों से राज्य के नगरो और गाँव की समीक्षा एवं मंत्रणा चल रही थी । सभी की समीक्षा में एक बात समान और चिंता जनक  थी पानी की कमी । महाराज ने सभी से इस समस्या का समाधान पूछा , सभी का एक ही मत था की सभी नगरों एवं गांवो में कुँए खुदवाए जाएँ ।  
 
महाराज कृष्णदेवराय जी का सभा लगा था । सभी मंत्री गणों से राज्य के नगरो और गाँव की समीक्षा एवं मंत्रणा चल रही थी । सभी की समीक्षा में एक बात समान और चिंता जनक  थी पानी की कमी । महाराज ने सभी से इस समस्या का समाधान पूछा , सभी का एक ही मत था की सभी नगरों एवं गांवो में कुँए खुदवाए जाएँ ।  
   −
महाराज को सभी की बात सही लगी उन्होंने मंत्री को बुलवाकर तत्काल  कुँए खुदवाने का आदेश दिया व् राज्यकोश को इस कार्य के लिए खुलवा दिया गया ।ताकि गर्मी आरंभ होने से पूर्व  कुँए खुद जाये और प्रजा की समस्या दूर हो जाये । कुँए खुद जाने की सूचना महाराज को दी गई , महाराज ने स्वयं निरिक्षण करने का निर्णय लिया। महाराज नगर में घुमकर सभी कुँओ का निरिक्षण कर प्रसन्न हुए और मंत्री के कार्य की सराहना की ।  
+
महाराज को सभी की बात सही लगी उन्होंने मंत्री को बुलवाकर तत्काल  कुँए खुदवाने का आदेश दिया व् राज्यकोश को इस कार्य के लिए खुलवा दिया गया ।ताकि गर्मी आरंभ होने से पूर्व  कुँए खुद जाये और प्रजा की समस्या दूर हो जाये । कुँए खुद जाने की सूचना महाराज को दी गई , महाराज ने स्वयं निरीक्षण करने का निर्णय लिया। महाराज नगर में घुमकर सभी कुँओ का निरीक्षण कर प्रसन्न हुए और मंत्री के कार्य की सराहना की ।  
    
गर्मियों का मौसम आ गया तेनालीरामा ने देखा  महाराज निश्चिन्त और प्रसन्न थे की प्रजा की पानी की समस्या का समाधान हो गया है। तेनालीरामा बाजार का भ्रमण कर रहे थे उसी समय नगर के बाहर से कुछ लोग तेनालीरामा से मिलाने आये और मंत्री जी के विरुद्ध शिकायत करने लगे । तेनालीरामा ने उन्हें न्याय प्राप्त करने का मार्ग बताया और उनकी सहायता का आश्वासन दिया ।
 
गर्मियों का मौसम आ गया तेनालीरामा ने देखा  महाराज निश्चिन्त और प्रसन्न थे की प्रजा की पानी की समस्या का समाधान हो गया है। तेनालीरामा बाजार का भ्रमण कर रहे थे उसी समय नगर के बाहर से कुछ लोग तेनालीरामा से मिलाने आये और मंत्री जी के विरुद्ध शिकायत करने लगे । तेनालीरामा ने उन्हें न्याय प्राप्त करने का मार्ग बताया और उनकी सहायता का आश्वासन दिया ।
Line 7: Line 7:  
महाराज का सभा लगा और कार्य आरंभ हुआ सभी अपनी समस्याएं महाराज के समक्ष रख रहे थे । तेनालीरामा भी खड़े हुए और उन्होंने महाराज से कहाँ की " महाराज मंत्री जी द्वारा  बनवाए गये कुँए अदृश्य हो रहे है। महाराज और सारी सभा तेनाली रामा को एकटक देखने लगी महाराज ने कहा "तेनालीरामा जी आपका स्वास्थ ठीक है ना कही आपके दिमाग में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है आप राजवैध जी से इलाज करवा लीजिये । ऐसे कैसे कुँए अदृश्य होने लगे ।
 
महाराज का सभा लगा और कार्य आरंभ हुआ सभी अपनी समस्याएं महाराज के समक्ष रख रहे थे । तेनालीरामा भी खड़े हुए और उन्होंने महाराज से कहाँ की " महाराज मंत्री जी द्वारा  बनवाए गये कुँए अदृश्य हो रहे है। महाराज और सारी सभा तेनाली रामा को एकटक देखने लगी महाराज ने कहा "तेनालीरामा जी आपका स्वास्थ ठीक है ना कही आपके दिमाग में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है आप राजवैध जी से इलाज करवा लीजिये । ऐसे कैसे कुँए अदृश्य होने लगे ।
   −
तेनालीरामा ने कहा मै ठीक हूँ, मेरा स्वास्थ एकदम सही है मुझे उपचार की आवश्यकता नहीं है | महाराज आपसे मिलने कुछ ग्रामवासी आऐ हैं आप उनके द्वारा स्वयं सुन  लीजिऐ। ग्रामवासियों ने महाराज को हालात के बारें में अवगत कराया। महाराज ने कहा मै स्वयं निरिक्षण करूँगा और घटना को देखने के बाद उचित निर्णय लूँगा। निरिक्षण की तैयारी करने का आदेश दिया गया महाराज स्वयं गाँव में गए और वहाँ  उन्होंने देखा की कुँए कहीं नही थे । महाराज बहुत ही क्रोधित हुएं। मंत्री को सभा में बुलाया गया ।  
+
तेनालीरामा ने कहा मै ठीक हूँ, मेरा स्वास्थ एकदम सही है मुझे उपचार की आवश्यकता नहीं है | महाराज आपसे मिलने कुछ ग्रामवासी आऐ हैं आप उनके द्वारा स्वयं सुन  लीजिऐ। ग्रामवासियों ने महाराज को हालात के बारें में अवगत कराया। महाराज ने कहा मै स्वयं निरीक्षण करूँगा और घटना को देखने के बाद उचित निर्णय लूँगा। निरीक्षण की तैयारी करने का आदेश दिया गया महाराज स्वयं गाँव में गए और वहाँ  उन्होंने देखा की कुँए कहीं नही थे । महाराज बहुत ही क्रोधित हुएं। मंत्री को सभा में बुलाया गया ।  
   −
महाराज के समक्ष तेनालीरामा जी ने अदृश्य कुँए की सत्यता का पूरा वृतांत सुनाया । महाराज समझ गए की तेनालीरामा जी कहना चाहते है कि केवल नगर में कुँए बनाए गए गाँव में कुँए का निर्माण नहीं हुआ मंत्री ने कार्य और धन में गड़बड़ी की है । महाराज ने मंत्री को सभी के सामने बहुत डांटा और अपने खर्च पर तत्काल कुँए बनवाने की सजा दी और निरिक्षण के लिए तेनालीरामा को दाइत्व दिया गया ।  
+
महाराज के समक्ष तेनालीरामा जी ने अदृश्य कुँए की सत्यता का पूरा वृतांत सुनाया । महाराज समझ गए की तेनालीरामा जी कहना चाहते है कि केवल नगर में कुँए बनाए गए गाँव में कुँए का निर्माण नहीं हुआ मंत्री ने कार्य और धन में गड़बड़ी की है । महाराज ने मंत्री को सभी के सामने बहुत डांटा और अपने खर्च पर तत्काल कुँए बनवाने की सजा दी और निरीक्षण के लिए तेनालीरामा को दाइत्व दिया गया ।  
    
महाराज ने तेनाली रामा के बुद्धिकौशल और राष्ट्र परायण  पर बहुत प्रसन्न हुए और उनका सम्मान किया गया ।
 
महाराज ने तेनाली रामा के बुद्धिकौशल और राष्ट्र परायण  पर बहुत प्रसन्न हुए और उनका सम्मान किया गया ।

Navigation menu