महाराज कृष्णदेवराय की सभा चल रही थी। सभा में चूहों के आतंक पर खूब बवाल मचा था। महाराज इस विषय पर बहुत ही चिंतित थे। उन्होंने ने सभी से मार्गदर्शन करने को कहाँ। सभी लोगो ने उन्हें बहुत से उपाय बताएं। महाराज ने भी एक उपाय बताया कि सभी नगर वासियों को एक एक बिल्ली दी जाये और बिल्ली के पोषण के लिए गाय भी दी जाये और उस गाय के दूध का उपयोग केवल बिल्ली के लिए होगा। महाराज का सुझाव सुनकर उनके चाटूकार ने महाराज की प्रशंसा करने लगे ।तेनालीरामा को यह सुझाव पसंद नहीं आया परन्तु महाराज का मान रखने के लिए हामी भर दी। | महाराज कृष्णदेवराय की सभा चल रही थी। सभा में चूहों के आतंक पर खूब बवाल मचा था। महाराज इस विषय पर बहुत ही चिंतित थे। उन्होंने ने सभी से मार्गदर्शन करने को कहाँ। सभी लोगो ने उन्हें बहुत से उपाय बताएं। महाराज ने भी एक उपाय बताया कि सभी नगर वासियों को एक एक बिल्ली दी जाये और बिल्ली के पोषण के लिए गाय भी दी जाये और उस गाय के दूध का उपयोग केवल बिल्ली के लिए होगा। महाराज का सुझाव सुनकर उनके चाटूकार ने महाराज की प्रशंसा करने लगे ।तेनालीरामा को यह सुझाव पसंद नहीं आया परन्तु महाराज का मान रखने के लिए हामी भर दी। |