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चारों और दीवाली धूम मची हुई थी ।विजयनगर राज्य पूरी तरह से दीवाली के प्रकाश उत्सव में डूबने के लिए तैयार था । महाराज भी दीपावली के पर्व की तैयारियों एवं मधुर स्वादों के भाव से प्रसन्न हो रहे  थे । महाराज दीपावली की तैयारियों के लिए राजदरबार में अपने मंत्री गणों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे थे । अचानक महाराज को नगर में प्रतियोगिता  कराने की योजना आ गई । महाराज ने सभी मंत्रियो से प्रतियोगिता  की चर्चा की और बताया की इस वर्ष नगर में सौन्दर्य एवं दिप सजावट की प्रतियोगिता रखी जाये । जिसका निवास अधिक प्रकाशमान होगा उन्हें सोने की हजार मुद्राएँ दी जाएगी ।   
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चारों और दीवाली धूम मची हुई थी ।विजयनगर राज्य पूरी तरह से दीवाली के प्रकाश उत्सव में डूबने के लिए तैयार था । महाराज भी दीपावली के पर्व की तैयारियों एवं मधुर स्वादों के भाव से प्रसन्न हो रहे  थे । महाराज दीपावली की तैयारियों के लिए राजसभा में अपने मंत्री गणों के साथ बैठकर चर्चा कर रहे थे । अचानक महाराज को नगर में प्रतियोगिता  कराने की योजना आ गई । महाराज ने सभी मंत्रियो से प्रतियोगिता  की चर्चा की और बताया की इस वर्ष नगर में सौन्दर्य एवं दिप सजावट की प्रतियोगिता रखी जाये । जिसका निवास अधिक प्रकाशमान होगा उन्हें सोने की हजार मुद्राएँ दी जाएगी ।   
    
पुरे नगर में प्रतियोगिता की  घोषणा कर दी जाती है । महाराज ने  दीपावली के दिन अपने सभी मंत्री गणों के लिए भोज का आयोजन किया । भोजन के पश्चात् महाराज सभी मंत्रीगण एवं तेनालीरामा के साथ नगर परिक्षण के लिए  जाते है । मार्ग सभी घरो के सौन्दर्य एवं प्रकाशीय सजावट का आनंद लेते हुए बढ़ रहे थे । मार्ग में एक कोठी की सजावट इतनी सुदर और मनमोहक की हुई थी की महाराज और सभी मंत्री रूक कर देखने लगते है घर  चारो ओर से  दिये के प्रकाश से जगमगा रहा था ।  
 
पुरे नगर में प्रतियोगिता की  घोषणा कर दी जाती है । महाराज ने  दीपावली के दिन अपने सभी मंत्री गणों के लिए भोज का आयोजन किया । भोजन के पश्चात् महाराज सभी मंत्रीगण एवं तेनालीरामा के साथ नगर परिक्षण के लिए  जाते है । मार्ग सभी घरो के सौन्दर्य एवं प्रकाशीय सजावट का आनंद लेते हुए बढ़ रहे थे । मार्ग में एक कोठी की सजावट इतनी सुदर और मनमोहक की हुई थी की महाराज और सभी मंत्री रूक कर देखने लगते है घर  चारो ओर से  दिये के प्रकाश से जगमगा रहा था ।  

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