७८. भारत का संगीत, भारत का नृत्य, भारत का साहित्य विश्व में श्रेष्ठ लोगों की प्रशंसा का विषय बना हुआ है । फिर हम क्यों इतने अनाडी बन कर घूम रहे हैं कि वह हमें आनन्द नहीं देता जबकि बन्दरकूद नृत्य और चिछ्लाहटभरा संगीत हमें आकर्षित करता है ? | ७८. भारत का संगीत, भारत का नृत्य, भारत का साहित्य विश्व में श्रेष्ठ लोगों की प्रशंसा का विषय बना हुआ है । फिर हम क्यों इतने अनाडी बन कर घूम रहे हैं कि वह हमें आनन्द नहीं देता जबकि बन्दरकूद नृत्य और चिछ्लाहटभरा संगीत हमें आकर्षित करता है ? |