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७८. भारत का संगीत, भारत का नृत्य, भारत का साहित्य विश्व में श्रेष्ठ लोगों की प्रशंसा का विषय बना हुआ है । फिर हम क्यों इतने अनाडी बन कर घूम रहे हैं कि वह हमें आनन्द नहीं देता जबकि बन्दरकूद नृत्य और चिछ्लाहटभरा संगीत हमें आकर्षित करता है ?
 
७८. भारत का संगीत, भारत का नृत्य, भारत का साहित्य विश्व में श्रेष्ठ लोगों की प्रशंसा का विषय बना हुआ है । फिर हम क्यों इतने अनाडी बन कर घूम रहे हैं कि वह हमें आनन्द नहीं देता जबकि बन्दरकूद नृत्य और चिछ्लाहटभरा संगीत हमें आकर्षित करता है ?
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७९. सम्पूर्ण विश्व को एक कुट्म्ब मानने वाला उदार अन्तःकरण जिसका है उस देश के हम नागरिक अपने देश को बदनाम होने से क्यों नहीं बचा सकते ? Bee हम भी उसे बदनाम करने में जुट जाते हैं ?
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७९. सम्पूर्ण विश्व को एक कुटुम्ब मानने वाला उदार अन्तःकरण जिसका है उस देश के हम नागरिक अपने देश को बदनाम होने से क्यों नहीं बचा सकते ? Bee हम भी उसे बदनाम करने में जुट जाते हैं ?
    
८०. भारत सोने का भण्डार था, आज भी है । भारत प्राकृतिक सम्पदा से समृद्ध देश था, आज भी है। हमारी आँखों पर ऐसी कौन सी पट्टी बँधी है कि हम भारत की समृद्धि को देख नहीं सकते है ? और उसकी रक्षा नहीं कर सकते ?
 
८०. भारत सोने का भण्डार था, आज भी है । भारत प्राकृतिक सम्पदा से समृद्ध देश था, आज भी है। हमारी आँखों पर ऐसी कौन सी पट्टी बँधी है कि हम भारत की समृद्धि को देख नहीं सकते है ? और उसकी रक्षा नहीं कर सकते ?

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