९. यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है । जबतक शासन की मान्यता नहीं तबतक कोई शिक्षित माना नहीं जाता, उसे सरकारी तो क्या निजी क्षेत्र में भी नौकरी नहीं मिलती । नौकरी के बिना अथार्जिन हो सकता है ऐसी कल्पना भी कम ही की जाती है । | ९. यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है । जबतक शासन की मान्यता नहीं तबतक कोई शिक्षित माना नहीं जाता, उसे सरकारी तो क्या निजी क्षेत्र में भी नौकरी नहीं मिलती । नौकरी के बिना अथार्जिन हो सकता है ऐसी कल्पना भी कम ही की जाती है । |