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महाराज कृष्णदेवराय जी एक दिन तेनाली रमा से बहुत ही अधिक नाराज थे । महाराज इतने अधिक नाराज थे की उन्होंने सभी मंत्री गण एवं दरबारियों के समक्ष तेनालीरामा को डाटते हुए कहा की दरबार से बहार निकल जाइये, कल से मै आपका चेहरा नहीं देखना चाहता । तेनालीरामा दरबार से बहार चले जाते है ।
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महाराज कृष्णदेवराय एक दिन तेनालीरामा से बहुत ही अधिक नाराज थे । महाराज इतने अधिक नाराज थे की उन्होंने सभी मंत्री गण एवं दरबारियों के समक्ष तेनालीरामा को डाटते हुए कहा की दरबार से बहार निकल जाइये, कल से मै आपका चेहरा नहीं देखना चाहता । तेनालीरामा दरबार से बहार चले जाते है ।
    
दुसरे दिन जब महाराज दरबार की तरफ आ रहे थे तभी कुछ चाटुकार मार्ग में मिल गए और महाराज से कहने लगे की " महाराज आपने तेनाली रामा को ज्यादा सर पर चढ़ा रखा है वह किसी की आज्ञा ही नहीं सुनता है। आपकी आज्ञा का भी पालन उसने नहीं किया । महाराज ने पुछा मेरी कौन सी आज्ञा का पालन नही किया ? चाटुकारों ने उत्तर दिया महाराज आपने तेनालीरामा को दरबार में आने से मना किया था परन्तु उन्होंने आपकी आज्ञा का उलंघन करते हुए दरबार में आसन जमाकर बैठा है ।
 
दुसरे दिन जब महाराज दरबार की तरफ आ रहे थे तभी कुछ चाटुकार मार्ग में मिल गए और महाराज से कहने लगे की " महाराज आपने तेनाली रामा को ज्यादा सर पर चढ़ा रखा है वह किसी की आज्ञा ही नहीं सुनता है। आपकी आज्ञा का भी पालन उसने नहीं किया । महाराज ने पुछा मेरी कौन सी आज्ञा का पालन नही किया ? चाटुकारों ने उत्तर दिया महाराज आपने तेनालीरामा को दरबार में आने से मना किया था परन्तु उन्होंने आपकी आज्ञा का उलंघन करते हुए दरबार में आसन जमाकर बैठा है ।
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