Changes

Jump to navigation Jump to search
→‎“गुरुकुल' संज्ञा: लेख सम्पादित किया
Line 11: Line 11:     
== “गुरुकुल' संज्ञा ==
 
== “गुरुकुल' संज्ञा ==
“गुरुकुल' संज्ञा में दो शब्द हैं और दोनों महत्त्वपूर्ण
+
“गुरुकुल' संज्ञा में दो शब्द हैं और दोनों महत्त्वपूर्ण हैं। एक शब्द हैं गुरु और दूसरा है 'कुल' । भारतीय शिक्षा परंपरा में गुरु" अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, किंबहुना सम्पूर्ण शिक्षातंत्र के केन्द्र स्थान में गुरु ही है । विभिन्‍न शास्त्रग्रंथों में 'गुरु' संज्ञा को विभिन्‍न प्रकार से व्याख्यायित किया गया है । इनमें से तीन सन्दर्भ महत्त्वपूर्ण
   −
हैं। एक शब्द हैं गुरु और दूसरा है 'कुल' । भारतीय
+
लगते हैं:<blockquote>शान्तो दान्तः कुलीनश्व विनीतः शुद्धवेषवान । शुद्धाचारः सुप्रतिष्ठ: शुचिर्दक्ष: सुबुद्धिमान ।</blockquote><blockquote>अध्यात्म ध्याननिष्ठश्र मन्त्रतन्त्रविशारदः: । निग्रहानुग्रहे शक्‍तो गुरुरित्यमिधीयते ।।</blockquote>तंत्रसार
 
  −
शिक्षा परंपरा में गुरु" अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है,
  −
 
  −
किंबहुना सम्पूर्ण शिक्षातंत्र के केन्द्र स्थान में गुरु ही है ।
  −
 
  −
विभिन्‍न शाख्ग्रंथों में 'गुरु' संज्ञा को विभिन्‍न प्रकार से
  −
 
  −
व्याख्यायित किया गया है । इनमें से तीन सन्दर्भ महत्त्वपूर्ण
  −
 
  −
लगते हैं
  −
 
  −
१, शान्तो दान्तः कुलीनश्व विनीतः शुद्धवेषवान ।
  −
 
  −
शुद्धाचारः सुप्रतिष्ठ: शुचिर्दक्ष: सुबुद्धिमान ।
  −
 
  −
अध्यात्म ध्याननिष्ठश्र मन्त्रतन्त्रविशारदः: ।
  −
 
  −
निग्रहानुग्रहे शक्‍तो गुरुरित्यमिधीयते । ।
  −
 
  −
तंत्रसार
      
Bed, seal al GA करने वाला, कुलीन,
 
Bed, seal al GA करने वाला, कुलीन,

Navigation menu