देवी फिर से नदी में गई और इस बार लकड़हारे की कुल्हाड़ी हाथो में लेकर आई, कुल्हाड़ी देखकर लकडहारा बहुत प्रसन्न हुआ । लकडहारे ने देवी को प्रणाम किया और कुल्हाड़ी के लिए धन्यवाद करने लगा । देवी लकडहारे की इमानदारी से बहुत प्रसन्न हुई और उसे पुरस्कार स्वरूप तीनो कुल्हाड़ी दी और आशीर्वाद देकर वह से चली गई । लकडहारे का जीवन भी सुधर गया । | देवी फिर से नदी में गई और इस बार लकड़हारे की कुल्हाड़ी हाथो में लेकर आई, कुल्हाड़ी देखकर लकडहारा बहुत प्रसन्न हुआ । लकडहारे ने देवी को प्रणाम किया और कुल्हाड़ी के लिए धन्यवाद करने लगा । देवी लकडहारे की इमानदारी से बहुत प्रसन्न हुई और उसे पुरस्कार स्वरूप तीनो कुल्हाड़ी दी और आशीर्वाद देकर वह से चली गई । लकडहारे का जीवन भी सुधर गया । |