प्रथम पर्व में हमने एक प्रकार की संकलित जानकारी देखी । अभी इस पर्व में समाज और सृष्टि की संकटग्रस्त स्थिति का आकलन विभिन्न विषयों के विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हुआ है । यान्त्रिक आकलन एक बात दर्शाता है और वैचारिक आकलन दूसरी । इस स्थिति में दोनों का क्या करना इसका विचार करने की आवश्यकता है। | प्रथम पर्व में हमने एक प्रकार की संकलित जानकारी देखी । अभी इस पर्व में समाज और सृष्टि की संकटग्रस्त स्थिति का आकलन विभिन्न विषयों के विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हुआ है । यान्त्रिक आकलन एक बात दर्शाता है और वैचारिक आकलन दूसरी । इस स्थिति में दोनों का क्या करना इसका विचार करने की आवश्यकता है। |