इसी परम्परा को आगे बढ़ाते शीर्ष पद पर पहुँचाने के लिए आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, श्रीधराचार्य, भास्कराचार्य, महावीर, नारायण पण्डित, श्रीपति, नीलकण्ठ सोमयाजि, बापूदेव शास्त्रि, श्रीनिवास रामानुजन् इत्यादि अनेक विद्वानों ने अथक् परिश्रमों से अपना योगदान समर्पित किया है। | इसी परम्परा को आगे बढ़ाते शीर्ष पद पर पहुँचाने के लिए आर्यभट, ब्रह्मगुप्त, श्रीधराचार्य, भास्कराचार्य, महावीर, नारायण पण्डित, श्रीपति, नीलकण्ठ सोमयाजि, बापूदेव शास्त्रि, श्रीनिवास रामानुजन् इत्यादि अनेक विद्वानों ने अथक् परिश्रमों से अपना योगदान समर्पित किया है। |