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{{One source|date=May 2020 }}
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निखिलनिगमवेत्ता, पापतापापनेता, रिपुनिचयविजेता, सर्वपाखण्डभेत्ता।
 
निखिलनिगमवेत्ता, पापतापापनेता, रिपुनिचयविजेता, सर्वपाखण्डभेत्ता।
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संसार के सब मनुष्य जगदुत्पादक एक इश्वर के पुत्र हैं, इसलिए सब को परस्पर स्नेह उचित है, कोई भी अस्पृश्य नहीं। इस प्रकार के विमल भाव के प्रचारक सरल-हृदय दयानन्द योगी की जय हो।
 
संसार के सब मनुष्य जगदुत्पादक एक इश्वर के पुत्र हैं, इसलिए सब को परस्पर स्नेह उचित है, कोई भी अस्पृश्य नहीं। इस प्रकार के विमल भाव के प्रचारक सरल-हृदय दयानन्द योगी की जय हो।
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[[Category: Mahapurush (महापुरुष कीर्तनश्रंखला)]]

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