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गुणेन शीलेन बलेन विद्यया सत्येन शान्त्या विनयेन चैव।
 
गुणेन शीलेन बलेन विद्यया सत्येन शान्त्या विनयेन चैव।
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नम्र और अहंकार था, ऐसे पुरुषोत्तम श्री राम को हम नमस्कार करते हैं।
 
नम्र और अहंकार था, ऐसे पुरुषोत्तम श्री राम को हम नमस्कार करते हैं।
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[[Category: Mahapurush (महापुरुष कीर्तनश्रंखला)]]

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