# आजकल सब इन्जिनीयर बनना चाहते हैं । ऐसी मान्यता है कि इन्जिनीयरों को जल्दी नौकरी मिल जाती है, अधिक वेतनवाली नौकरी मिलती है। इसलिये इन्जिनीयरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ जाती है। यह देखकर इन्जिनीयरिंग कॉलेज शुरू करने वाले भी मैदान में आ जाते हैं । अनेक महाविद्यालय नये खुलते हैं। धीरे धीरे इन्जिनीयरों की संख्या बढती है परन्तु उनकी अब आवश्यकता नहीं होती है । वे नौकरी के लिये मारे मारे फिरते हैं और अल्पतम वेतन वाली नौकरी करते हैं, जो इन्जिनीयर का काम ही नहीं है ऐसी बाबूगीरी भी कर लेते हैं । | # आजकल सब इन्जिनीयर बनना चाहते हैं । ऐसी मान्यता है कि इन्जिनीयरों को जल्दी नौकरी मिल जाती है, अधिक वेतनवाली नौकरी मिलती है। इसलिये इन्जिनीयरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ जाती है। यह देखकर इन्जिनीयरिंग कॉलेज शुरू करने वाले भी मैदान में आ जाते हैं । अनेक महाविद्यालय नये खुलते हैं। धीरे धीरे इन्जिनीयरों की संख्या बढती है परन्तु उनकी अब आवश्यकता नहीं होती है । वे नौकरी के लिये मारे मारे फिरते हैं और अल्पतम वेतन वाली नौकरी करते हैं, जो इन्जिनीयर का काम ही नहीं है ऐसी बाबूगीरी भी कर लेते हैं । |