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दुनिया में नये विश्व की रचना के नाम पर गोल मेज (Round table) नाम के गोपनीय समुदाय ने अपना उद्देश्य निश्चित किया है कि विश्व व्यवस्था हेतु -  
 
दुनिया में नये विश्व की रचना के नाम पर गोल मेज (Round table) नाम के गोपनीय समुदाय ने अपना उद्देश्य निश्चित किया है कि विश्व व्यवस्था हेतु -  
 
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# केन्द्र संचालित विश्व सरकार हो ।  
(१) केन्द्र संचालित विश्व सरकार हो ।  
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# विश्व सरकार की अपनी मुद्रा हो जिसे सारा संसार स्वीकार करे।  
 
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# केन्द्रीय विश्व सरकार की अपनी सेना हो जिसका सारे संसार पर नियंत्रण हो।  
(२) विश्व सरकार की अपनी मुद्रा हो जिसे सारा संसार स्वीकार करे।  
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# केन्द्र सरकार के द्वारा ही शिक्षानीति, अर्थनीति, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक नीतियों का निर्धारण हो।   
 
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गोल मेज (Round Table) समुदाय की स्थापना सैसिल रहोड्स के द्वारा की गई थी। सैसिल रहोड्स वह व्यक्ति था जिसने युक्तिपूर्वक दक्षिण अफ्रीका के हीरे और सोने के भंडार पर कब्जा कर लिया। उस समय सैसिल रहोड्स (Cecil Rohodes) के नाम पर दक्षिण-आफ्रीका के उस क्षेत्र को रहोडेशिया नाम दिया गया था, जिसे आज जिम्बाब्वे कहते हैं। रहोड्स ने उस समय डी. बीयर्स कन्सोलिडेटेड माइन्स एण्ड कन्सोलीडेटेड गोल्ड फील्ड्स के नाम से व्यापारिक संस्थान कायम किया था। अपनी युक्ति से 'रहोड्स' केप कालोनी का प्राइम मिनिस्टर तथा १८९० में ब्रिटेन में पार्लियामेंट का मेम्बर भी हो गया था। उस समय रहोड्स की आमदनी दस लाख डालर प्रतिवर्ष होने लगी थी। 'रहोड्स' ने अपनी आमदनी का अधिकांश भाग गोल मेज समुदाय के उद्देश्यों को प्रभावी बनाने में खर्च किया। उसने दुनिया के विभिन्न देशों से तेजस्वी नौजवानों को पर्याप्त छात्रवृति देकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन हेतु आकर्षित किया था, ताकि गोल मेज समुदाय की विचारधारा को इन प्रशिक्षित व्यक्तियों के द्वारा संसार में फैलाया जा सके।<ref>भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref>
(३) केन्द्रीय विश्व सरकार की अपनी सेना हो जिसका सारे संसार पर नियंत्रण हो।  
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(४) केन्द्र सरकार के द्वारा ही शिक्षानीति, अर्थनीति, सांस्कृतिक आध्यात्मिक और धार्मिक नीतियों का निर्धारण हो।   
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गोल मेज (Round Table) समुदाय की स्थापना सैसिल रहोड्स के द्वारा की गई थी। सैसिल रहोड्स वह व्यक्ति था जिसने युक्तिपूर्वक दक्षिण अफ्रीका के हीरे और सोने के भंडार पर कब्जा कर लिया। उस समय सैसिल रहोड्स (Cecil Rohodes) के नाम पर दक्षिण-आफ्रीका के उस क्षेत्र को रहोडेशिया नाम दिया गया था, जिसे आज जिम्बाब्वे कहते हैं। रहोड्स ने उस समय डी. बीयर्स कन्सोलिडेटेड माइन्स एण्ड कन्सोलीडेटेड गोल्ड फील्ड्स के नाम से व्यापारिक संस्थान कायम किया था। अपनी युक्ति से 'रहोड्स' केप कालोनी का प्राइम मिनिस्टर तथा १८९० में ब्रिटेन में पार्लियामेंट का मेम्बर भी हो गया था। उस समय रहोड्स की आमदनी दस लाख डालर प्रतिवर्ष होने लगी थी। 'रहोड्स' ने अपनी आमदनी का अधिकांश भाग गोल मेज समुदाय के उद्देश्यों को प्रभावी बनाने में खर्च किया। उसने दुनिया के विभिन्न देशों से तेजस्वी नौजवानों को पर्याप्त छात्रवृति देकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन हेतु आकर्षित किया था, ताकि गोल मेज समुदाय की विचारधारा को इन प्रशिक्षित व्यक्तियों के द्वारा संसार में फैलाया जा सके।
      
गोल मेज समुदाय में सैसिल रहोड्स के साथ रौथचाइल्ड कारपोरेशन, कारनेगी यूनाइटेड किंगडम ट्रस्ट, रॉकफेलर फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, जे. पी. मार्गन, हिटनी परिवार, लेजार्ड ब्रदर्स आदि इसके सदस्य बन गये थे। यू.एस.ए. में येल यूनिवर्सिटी की स्कल एंड बोन्स सोसायटी (Scul and bones Society) गोपनीय ढंग से गोल मेज समुदाय के लिये ही काम करती थी। १८९९ से १९०२ के मध्य दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध की व्यूह रचना भी रौथचाइल्ड द्वारा ही बनायी गयी थी। इस युद्ध का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका की प्राकृतिक सम्पदा पर अधिकार जमाना था । प्रथम विश्वयुद्ध तथा द्वितीय विश्वयुद्ध की योजनायें भी राउन्ड टेबिल समुदाय के द्वारा ही बनायी गयी थी। इस समुदाय के औद्योगिक घरानों ने युद्ध करने वाले दोनों पक्षों को पूरी आर्थिक मदद पहुँचाई, हथियार तथा युद्ध के अन्य खर्चों के लिए आर्थिक मदद देते समय कहा जाता था कि अभी जितना चाहे उतना धन ले लो, बाद में लौटा देना।
 
गोल मेज समुदाय में सैसिल रहोड्स के साथ रौथचाइल्ड कारपोरेशन, कारनेगी यूनाइटेड किंगडम ट्रस्ट, रॉकफेलर फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन, जे. पी. मार्गन, हिटनी परिवार, लेजार्ड ब्रदर्स आदि इसके सदस्य बन गये थे। यू.एस.ए. में येल यूनिवर्सिटी की स्कल एंड बोन्स सोसायटी (Scul and bones Society) गोपनीय ढंग से गोल मेज समुदाय के लिये ही काम करती थी। १८९९ से १९०२ के मध्य दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध की व्यूह रचना भी रौथचाइल्ड द्वारा ही बनायी गयी थी। इस युद्ध का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका की प्राकृतिक सम्पदा पर अधिकार जमाना था । प्रथम विश्वयुद्ध तथा द्वितीय विश्वयुद्ध की योजनायें भी राउन्ड टेबिल समुदाय के द्वारा ही बनायी गयी थी। इस समुदाय के औद्योगिक घरानों ने युद्ध करने वाले दोनों पक्षों को पूरी आर्थिक मदद पहुँचाई, हथियार तथा युद्ध के अन्य खर्चों के लिए आर्थिक मदद देते समय कहा जाता था कि अभी जितना चाहे उतना धन ले लो, बाद में लौटा देना।
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कुछ सज्जन और ईमानदार लोग जो अन्तरंग समिति में ले लिये गये थे जब उनको असली मकसद का पता चला तो उन्होंने अपने को इस समुदाय से अलग कर लिया।उदाहरण के लिये एक मि. एडमिरल चेस्टर वार्ड जो यूनाइटेड स्टेट्स में एक प्रसिद्ध जज तथा एडवोकेट जनरल ऑफ नेवी थे, उनको भी अन्तरंग समिति में शामिल किया गया था। अन्तरंग समिति में जाकर जब उनको गोलमेज समुदाय के असली मकसद का पता चला तो उन्होंने षडयंत्र से अपने को अलग कर लिया।
 
कुछ सज्जन और ईमानदार लोग जो अन्तरंग समिति में ले लिये गये थे जब उनको असली मकसद का पता चला तो उन्होंने अपने को इस समुदाय से अलग कर लिया।उदाहरण के लिये एक मि. एडमिरल चेस्टर वार्ड जो यूनाइटेड स्टेट्स में एक प्रसिद्ध जज तथा एडवोकेट जनरल ऑफ नेवी थे, उनको भी अन्तरंग समिति में शामिल किया गया था। अन्तरंग समिति में जाकर जब उनको गोलमेज समुदाय के असली मकसद का पता चला तो उन्होंने षडयंत्र से अपने को अलग कर लिया।
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John. J. Niccloy जो कि यू.एन. का एक विशिष्ट अधिकारी था, उसने बताया कि यू.एन. की सभी कार्यवाहियों का निर्देशन काउंसिल ऑन फारेन रिलेशन्स (C.F.R.) के द्वारा होता है । उन्होंने कहा 'जब कभी यू.एन. से सम्बन्धित देशों के लिये सरकारी उच्चपद पर किसी प्रमुख व्यक्ति की नियुक्ति की आवश्यकता होती है, तो यू.एन. के द्वारा उसकी सूचना तुरन्त न्यूयोर्क में स्थित C.F.R. के प्रधान कार्यालय Harold Prat House,58 East, 68th Street को देनी होती है। वहीं उसका निर्णय होकर कार्यवाही आगे बढ़ाई जती है। इस प्रकार से C.F.R. का दखल विभिन्न देशों में राष्ट्राध्यक्षों की नियुक्ति में होता रहता है। (John Birch Society), अमेरिका के संस्थापक (Robert welch) ने १९७० में यूनाइटेड नेशंस के विषय में अपनी राय व्यक्त करते हुये कहा था -
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John. J. Niccloy जो कि यू.एन. का एक विशिष्ट अधिकारी था, उसने बताया कि यू.एन. की सभी कार्यवाहियों का निर्देशन काउंसिल ऑन फारेन रिलेशन्स (C.F.R.) के द्वारा होता है । उन्होंने कहा 'जब कभी यू.एन. से सम्बन्धित देशों के लिये सरकारी उच्चपद पर किसी प्रमुख व्यक्ति की नियुक्ति की आवश्यकता होती है, तो यू.एन. के द्वारा उसकी सूचना तुरन्त न्यूयोर्क में स्थित C.F.R. के प्रधान कार्यालय Harold Prat House,58 East, 68th Street को देनी होती है। वहीं उसका निर्णय होकर कार्यवाही आगे बढ़ाई जती है। इस प्रकार से C.F.R. का दखल विभिन्न देशों में राष्ट्राध्यक्षों की नियुक्ति में होता रहता है। (John Birch Society), अमेरिका के संस्थापक (Robert welch) ने १९७० में यूनाइटेड नेशंस के विषय में अपनी राय व्यक्त करते हुये कहा था -<blockquote>"'''The United Nations' hopes and plans -''' To use population controls, controls over scientific and technological developments, control over arms and military strength of individual nations, control over education, control over health and all the control it can gradually establish under all the different excuses for International Jurisdiction that it can device. These varigated separate controls are to become components of the gradually materializing total control that it expects by pretense, deception, persuasion, beguilement and falsehoods, while the enforcement of such controls by brutal force and terror is also getting under way.</blockquote><blockquote>That is what the United Nations was always intended to do, that is what it was created to do, that is what it is now doing.<ref>The Prison (page 149-150)</ref></blockquote>'दि प्रिजन' पुस्तक के लेखक ने अपने अध्ययन व अनुभव से संयुक्त राष्ट्र संघ के विषय में लिखा है -<blockquote>संयुक्त राष्ट्र संघ का संचालन करने वाले अन्तरंग समिति के षडयंत्रकारी अधिकारियों की आशायें तथा योजनायें :</blockquote><blockquote>संयुक्त राष्ट्र संघ की आशायें व योजनायें पूरी तरह वैश्विक नियंत्रण की है। इसके लिये साम, दाम, दण्ड, भेद सभी नीतियों को इस्तेमाल में लाया जाता है । जीवन के हर क्षेत्र में विश्व सरकार द्वारा केन्द्रीय नियंत्रण को स्वीकार कराने के लिए जनसंख्या नियंत्रण विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र का नियंत्रण, सभी राष्ट्रों के शस्त्रास्त्र तथा सैनिक शक्ति का नियंत्रण, शिक्षा नीति का नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाओं का नियंत्रण । कहने का तात्पर्य यह है कि गोलमेज समुदाय के विशिष्ट सदस्य, संयुक्त राष्ट्र संघ को माध्यम बनाकर धीरेधीरे विश्व स्तर पर ऐसी मानसिकता बनाना चाहते हैं, जिससे स्थानीय लोक अभिक्रम पर से जनमानस की आस्था उठ जाय तथा केन्द्रीय सरकार, केन्द्रीय सेना, केन्द्रीय अर्थतंत्र के लिए अनुकूल मानसिकता बनें।<ref>'दि प्रिजन' पृष्ठ १४७-१५०</ref></blockquote>'''<nowiki/>'''
 
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सोवियत यूनियन का तानाशाह स्टॉलिन भी राउण्ड टेबिल समुदाय का क्रियाशील सदस्य था । उसने १९४२ में 'मार्क्सिझम एण्ड नेशनल क्वेश्चन' के अन्तर्गत एंग्लो अमेरिकन, कम्यूनिस्ट, खेल के प्रति पूरी सहमति थी। उस समय इस समुदाय ने निर्णय लिया था कि विश्व के उन राष्ट्रों में जहाँ हमारी पहुँच है, फूट डालकर उनको विभाजित करने की नीति बनाई जाय । इस योजना से राष्ट्रीय आस्थाओं को झटका लगेगा तथा विश्व सरकार के लिये अनुकूलता पैदा होगी। इस नीति के अन्तर्गत चीन, कोरिया, वियतनाम, भारत, रूस, पैलेस्टाइन, अफ्रीका, ईराक आदि राष्ट्रों में विभाजिन की नीति बनाई गई थी।
'''"The United Nations' hopes and plans -''' To use population controls, controls over scientific and technological developments, control over arms and military strength of individual nations, control over education, control over health and all the control it can gradually establish under all the different excuses for International Jurisdiction that it can device. These varigated separate controls are to become components of the gradually materialising total control that it expects by pretense, deception, persuasion, beguilement and falsehoods, while the enforcement of such controls by brutal force and terror is also getting under way.
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That is what the United Nations was always intended to do, that is what it was created to do, that is what it is now doing.
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'दि प्रिजन' पुस्तक के लेखक ने अपने अध्ययन व अनुभव से संयुक्त राष्ट्र संघ के विषय में लिखा है<ref>The Prison (page 149-150)</ref> -
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संयुक्त राष्ट्र संघ का संचालन करने वाले अन्तरंग समिति के षडयंत्रकारी अधिकारियों की आशायें तथा योजनायें :  
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संयुक्त राष्ट्र संघ की आशायें व योजनायें पूरी तरह वैश्विक नियंत्रण की है। इसके लिये साम, दाम, दण्ड, भेद सभी नीतियों को इस्तेमाल में लाया जाता है । जीवन के हर क्षेत्र में विश्व सरकार द्वारा केन्द्रीय नियंत्रण को स्वीकार कराने के लिए जनसंख्या नियंत्रण विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र का नियंत्रण, सभी राष्ट्रों के शस्त्रास्त्र तथा सैनिक शक्ति का नियंत्रण, शिक्षा नीति का नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवाओं का नियंत्रण । कहने का तात्पर्य यह है कि गोलमेज समुदाय के विशिष्ट सदस्य, संयुक्त राष्ट्र संघ को माध्यम बनाकर धीरेधीरे विश्व स्तर पर ऐसी मानसिकता बनाना चाहते हैं, जिससे स्थानीय लोक अभिक्रम पर से जनमानस की आस्था उठ जाय तथा केन्द्रीय सरकार, केन्द्रीय सेना, केन्द्रीय अर्थतंत्र के लिए अनुकूल मानसिकता बनें।
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सोवियत यूनियन का तानाशाह स्टॉलिन भी राउण्ड टेबिल समुदाय का क्रियाशील सदस्य था । उसने १९४२ में 'मार्क्सिझम एण्ड नेशनल क्वेश्चन' के अन्तर्गत एंग्लो अमेरिकन, कम्यूनिस्ट, खेल के प्रति पूरी सहमति थी। उस समय इस समुदाय ने निर्णय लिया था कि विश्व के उन राष्ट्रों में जहाँ हमारी पहुँच है, फूट डालकर उनको विभाजित करने की नीति बनाई जाय । इस योजना से राष्ट्रीय आस्थाओं को झटका लगेगा तथा विश्व सरकार के लिये अनुकूलता पैदा होगी। इस नीति के अन्तर्गत चीन, कोरिया, वियतनाम, भारत, रूस, पैलेस्टाइन, अफ्रीका, ईराक आदि राष्ट्रों में विभाजिन की नीति बनाई गई थी।<ref>'दि प्रिजन' पृष्ठ १४७-१५०</ref>
   
== वैश्विक षडयंत्र के संचालन सूत्र ==
 
== वैश्विक षडयंत्र के संचालन सूत्र ==
 
१९३० में विन्सटन चर्चिल ने यूरोप के देशों को यूनाइटेड स्टेट ऑफ यूरोप बनाने की योजना के अन्तर्गत द्वितीय महायुद्ध की भूमिका बनाई थी। इस योजना को जीन फोस्टर, रॉकफैलर, डूलेस, निकोलस मुरे बटलर, कारनेगी आदि ने आर्थिक सहयोग दिया था। इन व्यक्तियों ने यूरोप में शान्ति स्थापना की घोषणा करके द्वितीय महायुद्ध की भूमिका बनाने में पूरा सहयोग किया था। १९४६-४७ में अपने इस कारनामें का सर्वे, काउसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस से कराया।
 
१९३० में विन्सटन चर्चिल ने यूरोप के देशों को यूनाइटेड स्टेट ऑफ यूरोप बनाने की योजना के अन्तर्गत द्वितीय महायुद्ध की भूमिका बनाई थी। इस योजना को जीन फोस्टर, रॉकफैलर, डूलेस, निकोलस मुरे बटलर, कारनेगी आदि ने आर्थिक सहयोग दिया था। इन व्यक्तियों ने यूरोप में शान्ति स्थापना की घोषणा करके द्वितीय महायुद्ध की भूमिका बनाने में पूरा सहयोग किया था। १९४६-४७ में अपने इस कारनामें का सर्वे, काउसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस से कराया।
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इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विन्सटन चर्चिल ने निष्कर्ष निकाला कि वैश्विक स्तर पर केन्द्रीय नियंत्रण (विश्व सरकार) स्थापित करने के लिये दुहरी प्रक्रिया अपनानी होगी। विश्व स्तर पर एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जिससे विश्व का प्रत्येक राष्ट्र अपने को असुरक्षित महसूस करे तथा पड़ौसी के खतरे से बचने के लिये मारक हथियारों का संग्रह करना प्रारम्भ करे । दसरा यह कि आम आदमी की मानसिक स्थिति ऐसी बना देनी चाहिये ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सरकार आश्रित हो जाय।।
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इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विन्सटन चर्चिल ने निष्कर्ष निकाला कि वैश्विक स्तर पर केन्द्रीय नियंत्रण (विश्व सरकार) स्थापित करने के लिये दुहरी प्रक्रिया अपनानी होगी। विश्व स्तर पर एक ऐसा वातावरण बनाना होगा जिससे विश्व का प्रत्येक राष्ट्र अपने को असुरक्षित महसूस करे तथा पड़ौसी के खतरे से बचने के लिये मारक हथियारों का संग्रह करना प्रारम्भ करे । दसरा यह कि आम आदमी की मानसिक स्थिति ऐसी बना देनी चाहिये ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सरकार आश्रित हो जाय।
    
२६ जून १९४५ को सेन फ्रांसिस्को में पचास देशों के प्रतिनिधियों ने यूनाइटेड नेशंस (U.N.) चार्टर स्वीकार किया। यह संस्था गोलमेज समुदाय के काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (C.F.R.) के अन्तर्गत बनायी गयी थी।  
 
२६ जून १९४५ को सेन फ्रांसिस्को में पचास देशों के प्रतिनिधियों ने यूनाइटेड नेशंस (U.N.) चार्टर स्वीकार किया। यह संस्था गोलमेज समुदाय के काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस (C.F.R.) के अन्तर्गत बनायी गयी थी।  
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The consequences of this can now be seen by all but the most dedicated idiots. The media promotes free trade as a good thing and protection as bad. They have bought the line sold to them by economists, politicians and university lecturers and they sell it to the public.
 
The consequences of this can now be seen by all but the most dedicated idiots. The media promotes free trade as a good thing and protection as bad. They have bought the line sold to them by economists, politicians and university lecturers and they sell it to the public.
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Free trade is the freedom of the strong to exploit the weak. It is the means through which multinationals subsidised by their governments via the overseas aid budgets and other hidden channels, operate cartelism against the interest of the general population. It is the freedom to create dependency on a system which only the few control and to use that dependency to manipulate at will, the freedom to move production from high wage industrialist countries to the street shops of the third world, the freedom to steal their food growing land and to destory the small aggrarion industries. In doing this the Elite create anger, despair and division; the perfect combination for manipulation.
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Free trade is the freedom of the strong to exploit the weak. It is the means through which multinationals subsidised by their governments via the overseas aid budgets and other hidden channels, operate cartelism against the interest of the general population. It is the freedom to create dependency on a system which only the few control and to use that dependency to manipulate at will, the freedom to move production from high wage industrialist countries to the street shops of the third world, the freedom to steal their food growing land and to destroy the small aggrarion industries. In doing this the Elite create anger, despair and division; the perfect combination for manipulation.
    
राउण्ड टेबिल समुदाय ने विश्व सरकार का केन्द्रीय नियंत्रण करने के लिये कृषि भूमि तथा कृषि उत्पादन के क्षेत्र में हर स्तर पर योजना प्रारम्भ कराई है उसने तो स्थानीय व्यवस्था की पूरी तरह कमर ही तोड़ डाली है।
 
राउण्ड टेबिल समुदाय ने विश्व सरकार का केन्द्रीय नियंत्रण करने के लिये कृषि भूमि तथा कृषि उत्पादन के क्षेत्र में हर स्तर पर योजना प्रारम्भ कराई है उसने तो स्थानीय व्यवस्था की पूरी तरह कमर ही तोड़ डाली है।
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NSA, CIA, FBI, NASA तथा फैडलर रिझर्व आदि जितनी भी संस्थायें हैं इनकी आर्थिक व्यवस्था 'हार्ड ड्रग ट्रेड' अर्थात् नशीले पदार्थों के व्यवसाय से होती है।
 
NSA, CIA, FBI, NASA तथा फैडलर रिझर्व आदि जितनी भी संस्थायें हैं इनकी आर्थिक व्यवस्था 'हार्ड ड्रग ट्रेड' अर्थात् नशीले पदार्थों के व्यवसाय से होती है।
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नशीले पदार्थों का व्यवसाय रीगन - बुश प्रशासन के समय अपनी चरम सीमा पर था। उस समय जॉर्ज बुश की तेल कम्पनी जाप्टा (ZAPATA OIL) के नाम से जानी जाती थी। उन दिनों CIA का कोड भी जाप्टा था। जॉर्ज बुश की जानकारी में CIA के द्वारा इमाम खुमैनी को हथियार बेचे गये। खुमैनी ने कुछ रकम तो डालर में चकाई तथा अधिकांश रकम मौरफिन तथा हेरोईन के रूप में दी। इसके सम्बन्ध में जीन जिगलर (Jeans Ziegler), अपनी एक पुस्तक 'Switzerland washes whiter' में लिखते हैं -
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नशीले पदार्थों का व्यवसाय रीगन - बुश प्रशासन के समय अपनी चरम सीमा पर था। उस समय जॉर्ज बुश की तेल कम्पनी जाप्टा (ZAPATA OIL) के नाम से जानी जाती थी। उन दिनों CIA का कोड भी जाप्टा था। जॉर्ज बुश की जानकारी में CIA के द्वारा इमाम खुमैनी को हथियार बेचे गये। खुमैनी ने कुछ रकम तो डालर में चकाई तथा अधिकांश रकम मौरफिन तथा हेरोईन के रूप में दी। इसके सम्बन्ध में जीन जिगलर (Jeans Ziegler), अपनी एक पुस्तक 'Switzerland washes whiter' में लिखते हैं -<blockquote>With the expert assistance of the Swiss magnates as well as some discreet help from the swiss secret service, they delivered American and Israeli weapons to the Imam Khomeini. The Imam paid for some of the weaponry in dollars but for most of it in drugs (Morphine base and heroin). The Godfather of Turkish and Lebanese network installed in Zurich turned the drugs into cash on the international Market. After taking their cut of the profit the Godfather deposited the remainder in numbered accounts that had been opened in the main banks and financial institutions of Geneva and Zurich.</blockquote>इसका अर्थ यह होता है कि गोलमेज समुदाय के सदस्य सारे संसार के आम आदमियों को नशे की आदत डालकर अपना शासन कायम करने का षडयंत्र कर रहे हैं। इस षड़यंत्र में ईसाई धार्मिक गुरू भी शामिल हैं। इसके प्रमाण मिलते हैं कि आर्च बिषप केन्टरवरी का विश्वासपात्र व्यक्ति टेरीवेट (Terrywate) उनकी सहमति से आतंकवादियों को हथियार देने में शामिल था। ईरान में आतंकवादियों को हथियार देकर उसके बदले में नशीले पदार्त लेने के विषय में जार्ज बुश ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम आतंकवादियों को हथियार देने में पूरी कीमत ले रहे हैं। उनके साथ कोई रियायत नहीं करते।
 
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With the expert assistance of the Swiss maganates as well as some discreet help from the swiss secret service, they delivered American and Israeli weapons to the Imam Khomeini. The Imam paid for some of the weaponry in dollars but for most of it in drugs (Morphine base and heroin). The Godfather of Turkish and Lebanese network installed in Zurich turned the drugs into cash on the international Market. After taking their cut of the profit the Godfather deposited the remainder in numbered acccounts that had been opened in the main banks and financial institutions of Geneva and Zurich.
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इसका अर्थ यह होता है कि गोलमेज समुदाय के सदस्य सारे संसार के आम आदमियों को नशे की आदत डालकर अपना शासन कायम करने का षडयंत्र कर रहे हैं। इस षड़यंत्र में ईसाई धार्मिक गुरू भी शामिल हैं। इसके प्रमाण मिलते हैं कि आर्च बिषप केन्टरवरी का विश्वासपात्र व्यक्ति टेरीवेट (Terrywate) उनकी सहमति से आतंकवादियों को हथियार देने में शामिल था। ईरान में आतंकवादियों को हथियार देकर उसके बदले में नशीले पदार्त लेने के विषय में जार्ज बुश ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम आतंकवादियों को हथियार देने में पूरी कीमत ले रहे हैं। उनके साथ कोई रियायत नहीं करते।
      
चौदह वर्ष तक जार्ज बुश की अन्डरवर्ल्ड डॉन अरोनो (Don Aronow) से मित्रता रही । इनका सम्बन्ध Meyor Lausky Crime Syndicate से रहा है । यह संस्था नशीले पदार्थों का व्यवसाय सारी दुनिया में कराती रही है। यह कम्पनी CIA के द्वारा बनाई गई थी। जोर्ज बुश की Zapata Oil Co. में समुद्र के रास्ते नशीले पदार्थ संग्रहित किये जाते थे, वहाँ वे वैश्विक स्तर पर भेजे जाते थे । 'पैसिफिक सी फूड' नाम की कम्पनी के जहाज नशीले पदार्थों को लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं।
 
चौदह वर्ष तक जार्ज बुश की अन्डरवर्ल्ड डॉन अरोनो (Don Aronow) से मित्रता रही । इनका सम्बन्ध Meyor Lausky Crime Syndicate से रहा है । यह संस्था नशीले पदार्थों का व्यवसाय सारी दुनिया में कराती रही है। यह कम्पनी CIA के द्वारा बनाई गई थी। जोर्ज बुश की Zapata Oil Co. में समुद्र के रास्ते नशीले पदार्थ संग्रहित किये जाते थे, वहाँ वे वैश्विक स्तर पर भेजे जाते थे । 'पैसिफिक सी फूड' नाम की कम्पनी के जहाज नशीले पदार्थों को लाने-ले जाने का काम कर रहे हैं।
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जिनेवा व स्विटजरलेण्ड की बैठकों में श्री रामफल को कमीशन ऑन ग्लोबल ग्वर्नमेन्ट का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया था। उन्होंने कहा था विश्व सरकार की घोषणा करने का समय आ रहा है, क्योंकि हमको अब विश्व में इसके लिये पर्याप्त समर्थन मिल रहा है । यूनाइटेड नेशंस का जन्म सैन फ्रांसिस्को में हुआ था। इसके जन्मदाताओं में जार्ज सुल्टज किसिंगर एसोसिएशन, जार्ज बुश, मारग्रेट थ्रेचर, अल गोरे Zbigniew Brzezinski, CNN ग्लोबल न्यूज चैनल के मालिक टेड टर्नर आदि प्रमुख थे । गोर्बाचोव फाउंडेशन ने इसकी रूप रेखा तैयार की थी।
 
जिनेवा व स्विटजरलेण्ड की बैठकों में श्री रामफल को कमीशन ऑन ग्लोबल ग्वर्नमेन्ट का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया था। उन्होंने कहा था विश्व सरकार की घोषणा करने का समय आ रहा है, क्योंकि हमको अब विश्व में इसके लिये पर्याप्त समर्थन मिल रहा है । यूनाइटेड नेशंस का जन्म सैन फ्रांसिस्को में हुआ था। इसके जन्मदाताओं में जार्ज सुल्टज किसिंगर एसोसिएशन, जार्ज बुश, मारग्रेट थ्रेचर, अल गोरे Zbigniew Brzezinski, CNN ग्लोबल न्यूज चैनल के मालिक टेड टर्नर आदि प्रमुख थे । गोर्बाचोव फाउंडेशन ने इसकी रूप रेखा तैयार की थी।
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अब तक इसके आठ प्रमुख नियुक्त किये जा चुके है। (१) डिग्वेली (२) हेमर्स क्लोज्ड (३) यूथान्ट (४) क्यूर्ट वाल्टीम (५) पेरेज दे कुइयार (६) बुतरस घाली (७)कौफी अन्नान (८) बान की मून ।
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अब तक इसके आठ प्रमुख नियुक्त किये जा चुके है।  
 
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# डिग्वेली
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# हेमर्स क्लोज्ड
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# यूथान्ट
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# क्यूर्ट वाल्टीम
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# पेरेज दे कुइयार  
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# बुतरस घाली  
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# कौफी अन्नान
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# बान की मून ।
 
श्रीदत्त रामफल ने यूनाइटेड नेशंस के अन्तर्गत इकोनोमिक सिक्योरिटी काउंसिल की स्थापना करके आर्थिक नीतियों के लिये एक केन्द्रीय संस्था घोषित कर दी। वर्ल्ड बैंक, इन्टरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF), आर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डवलपमेंट (OECD), बैंक ऑफ इन्टरनेशनल सेटलमेंट्स नाम की संस्थाएं आर्थिक डिक्टेटरशिप स्थापित करने में सहयोगी का कार्य कर रही हैं । इस ढाँचे को खुले रूप में शक्तिशाली बनाने के लिए वर्ल्ड ट्रेड ओर्गेनाइजेशन (WTO) तथा जनरल एग्रीमेंट ओन ट्रेड एंड टैरिफ (GATI) की स्थापना की गई है । इन सब संस्थाओं के द्वारा वैश्विक स्तर पर आम जनता का अमानवीय तरीकों से भी शोषण आरम्भ हो गया है। ये संस्थायें आर्थिक साम्राज्यवाद तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के लिये वातावरण बनाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रही हैं। इस प्रक्रिया से बिना गोली चलाये या बिना युद्ध के आर्थिक साम्राज्यवाद की जड़े गहरी जमती चली जा रही हैं।
 
श्रीदत्त रामफल ने यूनाइटेड नेशंस के अन्तर्गत इकोनोमिक सिक्योरिटी काउंसिल की स्थापना करके आर्थिक नीतियों के लिये एक केन्द्रीय संस्था घोषित कर दी। वर्ल्ड बैंक, इन्टरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF), आर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डवलपमेंट (OECD), बैंक ऑफ इन्टरनेशनल सेटलमेंट्स नाम की संस्थाएं आर्थिक डिक्टेटरशिप स्थापित करने में सहयोगी का कार्य कर रही हैं । इस ढाँचे को खुले रूप में शक्तिशाली बनाने के लिए वर्ल्ड ट्रेड ओर्गेनाइजेशन (WTO) तथा जनरल एग्रीमेंट ओन ट्रेड एंड टैरिफ (GATI) की स्थापना की गई है । इन सब संस्थाओं के द्वारा वैश्विक स्तर पर आम जनता का अमानवीय तरीकों से भी शोषण आरम्भ हो गया है। ये संस्थायें आर्थिक साम्राज्यवाद तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के लिये वातावरण बनाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रही हैं। इस प्रक्रिया से बिना गोली चलाये या बिना युद्ध के आर्थिक साम्राज्यवाद की जड़े गहरी जमती चली जा रही हैं।
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इस प्रक्रिया में अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार सभी व्यक्ति भागीदार हो सकते हैं। भागीदारी करने वाले को निर्भय, निर्वैर और निष्पक्षता की मानसिकता और व्यावहारिक भूमिका का होना आवश्यक है।
 
इस प्रक्रिया में अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार सभी व्यक्ति भागीदार हो सकते हैं। भागीदारी करने वाले को निर्भय, निर्वैर और निष्पक्षता की मानसिकता और व्यावहारिक भूमिका का होना आवश्यक है।
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भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे
      
[[Category:भारतीय शिक्षा ग्रंथमाला 5: पर्व 2: विश्वस्थिति का आकलन]]
 
[[Category:भारतीय शिक्षा ग्रंथमाला 5: पर्व 2: विश्वस्थिति का आकलन]]
 
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