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जो भी प्रायोगिक कार्य दिया होता है, उसकी जाँच भी प्रायोगिक पद्धति से ही होती है । वह इतनी व्यक्ति और कार्यसापेक्ष होती है कि उसको नियमों में बांधना संभव नहीं होता है । इसलिए उसकी चर्चा नहीं करेंगे । गृहकार्य के संबंध में इतनी चर्चा पर्याप्त है ।
जो भी प्रायोगिक कार्य दिया होता है, उसकी जाँच भी प्रायोगिक पद्धति से ही होती है । वह इतनी व्यक्ति और कार्यसापेक्ष होती है कि उसको नियमों में बांधना संभव नहीं होता है । इसलिए उसकी चर्चा नहीं करेंगे । गृहकार्य के संबंध में इतनी चर्चा पर्याप्त है ।
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=== विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ ===
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== विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ ==
# क्या इतने प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालय में नियमित रूप से हो सकती हैं -
# क्या इतने प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालय में नियमित रूप से हो सकती हैं -
## पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि की सेवा
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