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| ===== '''4. उत्सव एवं पर्व :''' ===== | | ===== '''4. उत्सव एवं पर्व :''' ===== |
− | * समाज में स्वयंभू मनाए जाने वाले त्योहार जब-जब आएँ, तब-तब कुछ दिन | + | * समाज में स्वयंभू मनाए जाने वाले त्योहार जब-जब आएँ, तब-तब कुछ दिन पहले उसकी चर्चा करना। किसी विद्यालय में उत्सव मनाएँ । (रामनवमो. जन्माष्टमी, होली, नवरात्रि, रक्षाबंधन ...........) |
| + | * त्योहार कौन-से दिन आ रहा है, और उसे मनाने की सच्ची रीति। |
| + | * उसका ऐतिहासिक महत्त्व और उसमें निहित विज्ञान। |
| + | * जन्मदिनोत्सव मनाना। (भारतीय परंपरा से) |
| + | 5. दान, सेवा और ऐकात्मकताः |
| + | * कुत्ते को, बिल्ली को, कबूतर को, गाय को खिलाना, उसे प्रेम करना। |
| + | * शुभ दिवस पर दूसरों को कुछ न कुछ देना। |
| + | * स्वयं का अल्पाहार दूसरों को देना। |
| + | * विद्यालय में माले साफ करना, आसन विछाना-उठाना। |
| + | * हर दिन सुबह तैयार होकर भगवान को, माता-पिता को प्रणाम करना। |
| + | * स्वयं के दादा-दादी के विषय में जानना। |
| + | * घर में हर दिन एक काम करना। (झाडू से कचरा निकालना, थालियाँ माँजना आदि।) |
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| ==References== | | ==References== |