# दान, भिक्षा, यज्ञ आदि आर्थिक व्यवस्थायें आर्थिक से भी अधिक सांस्कृतिक निहितार्थ बताती हैं । अर्थ को धर्म तथा संस्कृति के अधीन बनाने के ये सोचे समझे उपाय हैं । आज के समय में हम ऐसे और भी उपाय सोच सकते हैं। | # दान, भिक्षा, यज्ञ आदि आर्थिक व्यवस्थायें आर्थिक से भी अधिक सांस्कृतिक निहितार्थ बताती हैं । अर्थ को धर्म तथा संस्कृति के अधीन बनाने के ये सोचे समझे उपाय हैं । आज के समय में हम ऐसे और भी उपाय सोच सकते हैं। |