# २०. भारत को स्वतन्त्र बनाना अब शासन के बस की बात नहीं रही। यह कार्य धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के नेतृत्व में भारतीय प्रजा ही कर सकती है। धर्माचार्य और शिक्षक इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। | # २०. भारत को स्वतन्त्र बनाना अब शासन के बस की बात नहीं रही। यह कार्य धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के नेतृत्व में भारतीय प्रजा ही कर सकती है। धर्माचार्य और शिक्षक इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। |