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# भारत गरीब नहीं है तो भी अपने आपको गरीब मानता है, पिछडा हुआ नहीं है तो भी वैसा मानता है, अज्ञानी नहीं है तो भी अज्ञानी मानता है, दुर्जन नहीं है तो भी अपने आपको सज्जन नहीं मानता क्योंकि वह पराये मापदण्डों से अपना मूल्यांकन करता हैं। हमें चाहिये कि हम अपने मापदण्ड निश्चित करें, अपने आप पर लागू करें और यूरोप पर भी लागू करें तब बात हमारी समझ में आयेगी।  
 
# भारत गरीब नहीं है तो भी अपने आपको गरीब मानता है, पिछडा हुआ नहीं है तो भी वैसा मानता है, अज्ञानी नहीं है तो भी अज्ञानी मानता है, दुर्जन नहीं है तो भी अपने आपको सज्जन नहीं मानता क्योंकि वह पराये मापदण्डों से अपना मूल्यांकन करता हैं। हमें चाहिये कि हम अपने मापदण्ड निश्चित करें, अपने आप पर लागू करें और यूरोप पर भी लागू करें तब बात हमारी समझ में आयेगी।  
 
# भारत जब हीनताबोध से मुक्त होगा तभी उसका आत्मविश्वास जागृत होगा। आत्मविश्वास से प्रेरित अध्ययन और व्यवहार उसके विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे । भारत भारत बनेगा तो अपने आप विश्व के लिये उदाहरण प्रस्तुत करेगा । फूल जिस प्रकार होने से ही सुगन्ध बिखेरता है, सूर्य जैसे होने से ही प्रकाश फैलाता है उस प्रकार भारत भारत होने से ही ज्ञान के प्रकाश को फैलाकर अज्ञानजनित, मोहजनित भ्रान्तियों को दूर करता है। उसे कोई अलग से अभियान छेडने की आवश्यकता नहीं रहती।
 
# भारत जब हीनताबोध से मुक्त होगा तभी उसका आत्मविश्वास जागृत होगा। आत्मविश्वास से प्रेरित अध्ययन और व्यवहार उसके विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे । भारत भारत बनेगा तो अपने आप विश्व के लिये उदाहरण प्रस्तुत करेगा । फूल जिस प्रकार होने से ही सुगन्ध बिखेरता है, सूर्य जैसे होने से ही प्रकाश फैलाता है उस प्रकार भारत भारत होने से ही ज्ञान के प्रकाश को फैलाकर अज्ञानजनित, मोहजनित भ्रान्तियों को दूर करता है। उसे कोई अलग से अभियान छेडने की आवश्यकता नहीं रहती।
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==== ६. स्वतंत्रता ====
    
==References==
 
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