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| 13. डी. जी. ई. हॉल के उद्धरण, 'बर्मा के साथ अंग्रेजों का प्रारम्भिक सम्बन्ध : अर्ली इंग्लीश इन्टरकोर्स विद बर्मा : Early English Intercourse with Burma', १९२८, पृ. २५० | | 13. डी. जी. ई. हॉल के उद्धरण, 'बर्मा के साथ अंग्रेजों का प्रारम्भिक सम्बन्ध : अर्ली इंग्लीश इन्टरकोर्स विद बर्मा : Early English Intercourse with Burma', १९२८, पृ. २५० |
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− | 14. अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में जो भी टक्कर हुई उसके विषय में पुरातन लेख और अन्य सामग्री व्यापक रूप में उपलब्ध है। उसमें अधिकांश सामग्री भारतीय पुरातन लेख के रूप में भी निरूपित है। सन् १८१०-११ में आवास कर के विरोध में उठे जनआंदोलन का ब्यौरा 'भारतीय परम्परा में असहयोग', | + | 14. अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त में जो भी टक्कर हुई उसके विषय में पुरातन लेख और अन्य सामग्री व्यापक रूप में उपलब्ध है। उसमें अधिकांश सामग्री भारतीय पुरातन लेख के रूप में भी निरूपित है। सन् १८१०-११ में आवास कर के विरोध में उठे जनआंदोलन का ब्यौरा 'भारतीय परम्परा में असहयोग', पुनरुत्थान, २००७ में उपलब्ध है। |
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| + | 15. सन् १८४३ में नमक पर डाले गये कर के विरोध में सुरत में हुए आन्दोलन का विवरण उसी वर्ष के मुम्बई प्रेसीडेन्सी रिकार्ड में उपलब्ध है। |
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| + | 16. ब्रिटिशों के भारत में आने से पूर्व के शासक शासित सम्बन्धों के विषय में भारत सरकार के, बंगाल, मुंबई और मद्रास प्रेसीडेन्सी के अभिलेखागारों में ब्रिटिशों द्वारा निर्मित विपुल सामग्री उपलब्ध है। यही सामग्री अठारहवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी की है। इस काल के इंग्लैण्ड के भारत विषयक सरकारी कागजों में भी ऐसी सामग्री मिलती है। ब्रिटिश हाउस ऑव् कॉमन्स की सिलेक्ट कमिटी के समक्ष की हुई प्रस्तुति में इतिहासकार जेम्स मिल ने भी इस प्रकार की जानकारी दी है। |
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| + | 17. राजा और प्रजा के आपसी सम्बन्ध और भेंट के आदानप्रदान के विषय में सामग्री १८वीं एवं १९वीं शताब्दी के अभिलेखागारों में उपलब्ध है। |
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| + | 18. 'मोतरफा' और 'वीसाबुडी' नामक करों की जानकारी मद्रास प्रेसीडेन्सी के अभिलेखों में उपलब्ध है। इसमें गैरकृषक व्यवसायों और उद्योगों में जुड़े लोगों की संख्या है। विभिन्न जिलों में कितने करघे हैं उसकी भी संख्या है। भारत के और प्रदेशों में भी इसी प्रकार की जानकारी मिलती है। साथ ही १८७१, १८८१, १८९१ की जनगणना विषयक जानकारी भी उपलब्ध है। |
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| + | 19. भारत के सन् १८०० के आसपास के विज्ञान और तन्त्रज्ञान विषयक अभिलेखीय जानकारी भारत और इंग्लैण्ड दोनों में मिलती है। |
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| + | 20. १८वीं एवं १९वीं शताब्दी की भारतीय शिक्षाकी पद्धति और व्याप से सम्बन्धित जानकारी लेखक के रमणीय वृक्ष : १८वीं शताब्दी में भारतीय शिक्षा' पुस्तक में उपलब्ध है। |
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| + | 21. तमिलनाडु स्टेट आर्काइव्झ (टी एन एस ए), मद्रास बोर्ड ऑव् रेवन्यू प्रोसीडींग्स (BRP), खण्ड २०२५, कार्यवाही ८-६-१८४६, पृ. ७४५७, कडप्पा जिले के उपभोग विषयक सामग्री; खण्ड २०३०, कार्यवाही |
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| ==References== | | ==References== |