− | आर्थिक अराजक के अनुभव के बाद सामाजिक ढाँचा भी छिन्नभिन्न हुआ। परिणामस्वरूप शिक्षा, आभिजात्य, बार बार आयोजित मेलों सम्मेलनों तथा उत्सवो में भी कमी आई। साक्षरता की मात्रा भी कम होने लगी। इसी समय में अर्थात् सन् १८२० के दशक में दक्षिण भारत में पाठशाला में पढ़ने योग्य बच्चों के २५ प्रतिशत पाठशाला में पढ़ते थे। उससे भी अधिक संख्यामें छात्र जब समाजजीवन के अन्यान्य क्षेत्रों में अनवस्था प्रसृत थी तब भी अपने घरों में ही शिक्षा प्राप्त करते थे। परन्तु केवल ६० वर्षों के बाद, १८८० के दशक में यह अनुपात एक | + | आर्थिक अराजक के अनुभव के बाद सामाजिक ढाँचा भी छिन्नभिन्न हुआ। परिणामस्वरूप शिक्षा, आभिजात्य, बार बार आयोजित मेलों सम्मेलनों तथा उत्सवो में भी कमी आई। साक्षरता की मात्रा भी कम होने लगी। इसी समय में अर्थात् सन् १८२० के दशक में दक्षिण भारत में पाठशाला में पढ़ने योग्य बच्चों के २५ प्रतिशत पाठशाला में पढ़ते थे। उससे भी अधिक संख्यामें छात्र जब समाजजीवन के अन्यान्य क्षेत्रों में अनवस्था प्रसृत थी तब भी अपने घरों में ही शिक्षा प्राप्त करते थे। परन्तु केवल ६० वर्षों के बाद, १८८० के दशक में यह अनुपात एक अष्टमांश हो गया। विद्वत्ता एवं उच्च अध्ययन जैसी गतिविधियां भी कम हो गईं। यह स्थिति सार्वत्रिक थी। देश में विद्वान कम होने लगे एवं सेंकडों शिष्यवृत्तियाँ प्रतीक्षा में ही रह गईं। ऐसा लगने लगा कि भारत की आत्मा ही घुटन का अनुभव कर रही थी। |
| + | प्रारम्भ में मनोरम भूतकाल में रत रहना कदाचित देशी समाज को टिकाए रखने के लिए तिनके के सहारे के समान उपयोगी भले ही लगा हो, परन्तु आज भी अधिकांश भारतवासी इसी रोग को पाले हुए हैं। दूसरी ओर सामान्य लोगों में आर्थिक एवं सांस्कृतिक अनवस्था एवं हताशा, मानसिक उलझन या जटिलता जैसी स्थिति निर्माण हुई, जिससे लोग और जड़ हो गए। पण्डित या विद्वान एवं समृद्ध लोग यूरोपीय विद्वत्ता से प्रभावित होकर, उनकी सभ्यता को अपनाकर अपनी एक अलग पहचान बनाने में लग गए। हो सकता है कि इस प्रकार से प्राप्त की गई विद्वत्ता, बुद्धिचातुर्य या कौशल गैरयूरोपीय विश्व की तुलना में भारत में अधिक चमकीला लगता हो। यद्यपि उन्नीसवीं एवं बीसवीं शताब्दी में ऐसे लोगों में ही एक व्यक्ति - मोहनदास करमचंद गांधी - ऐसे भ्रामक प्रभाव से मुक्त ही रहे। उल्टे स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पर इसका बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिलता था। ऐसे विरोधाभास के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं |