इस प्रकार के तर्क लगते तो हैं न्यायपूर्ण और स्वाभाविक । साथ ही उसमें तटस्थता का भी पुट लगा हुआ लगता है। परन्तु विश्व का इतिहास, विभिन्न संस्कृतियों का इतिहास, प्रकृति की रचना इस तर्क की पुष्टि नहीं करते । वास्तविकता की कसौटी पर यह तर्क नहीं, तकभिस ही सिद्ध होता है । | इस प्रकार के तर्क लगते तो हैं न्यायपूर्ण और स्वाभाविक । साथ ही उसमें तटस्थता का भी पुट लगा हुआ लगता है। परन्तु विश्व का इतिहास, विभिन्न संस्कृतियों का इतिहास, प्रकृति की रचना इस तर्क की पुष्टि नहीं करते । वास्तविकता की कसौटी पर यह तर्क नहीं, तकभिस ही सिद्ध होता है । |