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| अतः भारतीय शिक्षा का क्या करना इसकी चर्चा शुरू करने से पूर्व दो चार बातों में स्पष्ट हो जाना चाहिये। | | अतः भारतीय शिक्षा का क्या करना इसकी चर्चा शुरू करने से पूर्व दो चार बातों में स्पष्ट हो जाना चाहिये। |
− | | + | # भारत को भारत रहना है तो भारत की शिक्षा भारतीय होना अनिवार्य है। |
− | १. भारत को भारत रहना है तो भारत की शिक्षा भारतीय होना अनिवार्य है।
| + | # भारत को भारत रहना ही है। भारत भारत रहे यह विश्वकल्याण के लिये अनिवार्य है। |
− | | + | # भारत में शिक्षा भारतीय होना कठिन अवश्य है असम्भव नहीं क्योंकि वह भारत के लिये स्वाभाविक है। |
− | भारत को भारत रहना ही है। भारत भारत रहे यह विश्वकल्याण के लिये अनिवार्य है। | + | # कठिन बात को व्यावहारिक बनाने हेतु पुरुषार्थ करने की आवश्यकता है। यह पुरुषार्थ शिक्षकों के नेतृत्व में, धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में, सरकार के सहयोग से प्रजा का होगा, सरकार का नहीं । |
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− | ३. भारत में शिक्षा भारतीय होना कठिन अवश्य है असम्भव नहीं क्योंकि वह भारत के लिये स्वाभाविक है।
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− | ४. कठिन बात को व्यावहारिक बनाने हेतु पुरुषार्थ करने की आवश्यकता है। यह पुरुषार्थ शिक्षकों के नेतृत्व में, धर्माचार्यों के मार्गदर्शन में, सरकार के सहयोग से प्रजा का होगा, सरकार का नहीं ।
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| इन गृहीतों को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। भारत में सारे काम इस पद्धति से ही होते आये हैं। इस काम के लिये भी यही पद्धति उपयोगी होगी। | | इन गृहीतों को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। भारत में सारे काम इस पद्धति से ही होते आये हैं। इस काम के लिये भी यही पद्धति उपयोगी होगी। |
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| ==== भारतीय शिक्षा की पुनर्रचना के आयाम इस प्रकार हैं... ==== | | ==== भारतीय शिक्षा की पुनर्रचना के आयाम इस प्रकार हैं... ==== |
− | १. शैक्षिक पुनर्रचना
| + | # शैक्षिक पुनर्रचना |
− | | + | # आर्थिक पुनर्रचना |
− | २. आर्थिक पुनर्रचना
| + | # व्यवस्थाकीय पुनर्रचना |
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− | ३. व्यवस्थाकीय पुनर्रचना
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| ==== शैक्षिक पुनर्रचना ==== | | ==== शैक्षिक पुनर्रचना ==== |