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| ध्वनि प्रदूषण रोकने हेतु आर्थिक उपायों से अधिक कारगर मानवीय प्रयास ही उपयोगी होंगे। नीरव शांतता और भयप्रद शांतता के अन्तर को समझना होगा। एक समाचार पत्र में पढ़ा था कि दिल्ली के एक विद्यालय में मौनी अमावस्या के दिन मौनाभ्यास होता है। विद्यालय के सारे कार्य यथावत होते हैं, परन्तु प्रधानाचार्य, शिक्षक, विद्यार्थी व कर्मचारी मौन पालन करते हैं। यह प्रयोग जीवन का संस्कार बनता है, मौन का महत्त्व समझ में आता है। वर्ष में एक दिन सबकी ऊर्जा बड़ी मात्रा में बचती है, श्रवणशक्ति भी बढ़ती है। | | ध्वनि प्रदूषण रोकने हेतु आर्थिक उपायों से अधिक कारगर मानवीय प्रयास ही उपयोगी होंगे। नीरव शांतता और भयप्रद शांतता के अन्तर को समझना होगा। एक समाचार पत्र में पढ़ा था कि दिल्ली के एक विद्यालय में मौनी अमावस्या के दिन मौनाभ्यास होता है। विद्यालय के सारे कार्य यथावत होते हैं, परन्तु प्रधानाचार्य, शिक्षक, विद्यार्थी व कर्मचारी मौन पालन करते हैं। यह प्रयोग जीवन का संस्कार बनता है, मौन का महत्त्व समझ में आता है। वर्ष में एक दिन सबकी ऊर्जा बड़ी मात्रा में बचती है, श्रवणशक्ति भी बढ़ती है। |
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− | ५.
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− | प्रश्न १ : स्वच्छता का अर्थ लिखते समय तन की स्वच्छता, मन की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता का
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− | ध्यान रखकर होनी चाहिये । मानवीय अर्थात् जीवमानता के अनुकूल रचनायें करनी
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− | अर्थात् विद्यालय में कक्षाकक्ष नहीं अपितु विषय. चाहिये ।
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− | कक्ष होने चाहिये । समय सारिणी विषयों के अनुसार होनी अध्ययन अध्यापन जिन्दा व्यक्तियों के द्वारा किया
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− | चाहिये । विद्यार्थियों का विभाजन भी विषयों के अनुसार... जाने वाला जीवमान कार्य है । इसी प्रकार से सारी रचनायें
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− | होना चाहिये । होना अपेक्षित है ।
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− | विषयकक्ष की अधिक चर्चा स्वतन्त्र रूप से करेंगे भारतीय शिक्षा की पुर्नरचना में यह भी एक महत्त्वपूर्ण
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− | परन्तु यहाँ इतना कहना आवश्यक है कि सर्व प्रकार की... आयाम है ।
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− | रचनाओं के लिये यान्त्रिकि आग्रह छोड देना चाहिये,
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− | विद्यालयों में स्वच्छता
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− | 2. स्वच्छता का अर्थ क्या है ? विचार एक अभिभावक ने रखा । कुछ लोगों ने आसपास का
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− | 2. स्वच्छता एवं पर्यावरण का सम्बन्ध क्या है ? परिसर साफ रखना यह विचार भी रखा ।
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− | ३... स्वच्छता एवं स्वास्थ्य का सम्बन्ध कया है ? प्रश्न रे-३े : स्वच्छता एवं पर्यावरण ये सब एक ही
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− | ४. विद्यालय की स्वच्छता में किस किस का सिक्के के दो पहलू हैं । इसी प्रकार के संक्षिप्त उत्तर स्वच्छता
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− | और स्वास्थ्य के विषय में प्राप्त हुए । इनमें विद्यार्थी,
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− | अभिभावक, सफाई कर्मचारी इन सबकी सहभागिता अपेक्षित
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− | सामग्री वर्जित होनी चाहिये ? है । पानी as बाजारी चीन के सर फूड पेकेट्स के
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− | दर कवर आदि जो गन्दगी फैलाते हैं उन्हें वर्जित करना चाहिए
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− | ६... स्वच्छता एवं पवित्रता का क्या सम्बन्ध है ? ऐसा सभी चाहते हैं । प्रश्न ६ के उत्तर में स्वच्छता एवं पवित्रता
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− | स्वच्छता बनाये रखने के लिये कौन कौन से. के परस्पर सम्बन्धों का योग्य उत्तर नहीं मिला । प्रश्न ७ में
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− | उपाय कर सकते हैं ? स्वच्छता बनाये रखने के लिए स्थान-स्थान पर “कचरापात्र'
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− | ८... स्वच्छता बनाये रखने के लिये सम्बन्धित सभी. रखें जायें, यह सुझाव मिला । प्र. ८ स्वच्छता का आग्रह
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− | लोगों की मानसिकता, आदतें एवं व्यवहार कैसा. शतप्रतिशत होना ही चाहिए ऐसा सर्वानुमत था । गन्दगी
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− | सहभाग होना चाहिये ?
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− | ५.. विद्यालय की स्वच्छता में किस प्रकार की
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− | होना चाहिये ? फैलाने वाले पर आर्थिक दण्ड और कानूनी कार्यवाही करने
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− | ९... आन्तरिक स्वच्छता एवं बाहा स्वच्छता में क्या... की बात भी एक के उत्तर में आई ।
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− | अन्तर है ? अभिमत : प्रश्नावली के दस प्रश्नों में से दो-तीन प्रश्न
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− | १०. स्वच्छता का आग्रह कितनी मात्रा में रखना... छोडकर शेष सारे प्रश्न सरल एवं अनुभवजन्य थे । परन्तु उनके
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− | चाहिये? उत्तर उतने गहरे व समाधानकारक नहीं थे । सदैव ध्यान में
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− | रहना चाहिए । कक्षा में बेचों के नीचे पड़े हुए कागज के
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− | प्रश्नावली से पाप्त उत्तर टुकडें, फर्निचर पर जमी हुई धूल, दीवारों पर चिपकी हुई टेप,
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− | यह प्रश्नावली संस्थाचालक, शिक्षक, अभिभावक ऐसे ee फर्निचर का ढेर, उद्योग के कालांश में फेला हुआ कचरा,
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− | तीनों गटों के सहयोग से भरकर प्राप्त हुई है । प्रश्नपत्र एवं उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल, जमा हुआ पानी,
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− | प्रश्न १ : स्वच्छता का अर्थ लिखते समय तन की... शौचालयों की दुर्गनध तथा जगह-जगह पड़ा हुआ कचरा
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− | स्वच्छता, मन की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता का... आदि सबको प्रतिदिन दिखाई तो देता है परन्तु यह मेरा घर
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− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
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− | वातावरण में छात्रों का मन पढ़ने में नहीं लगता । एक बार
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− | एक मुख्याध्यापक ने अतिथि को विद्यालय देखने के लिए
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− | बुलाया । विद्यालय दिखाने ले जाते समय सीढ़ियों पर कागज
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− | के टुकडे पडे हुए थे । टकडों को देखते ही मुख्याध्यापक ने
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− | निकट की चलती कक्षा में से दो छात्रों को बाहर बुलाया ।
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− | छात्र बाहर आये उससे पहले ही अतिथि ने वे टुकड़े उठा
| |
− | लिये । स्वच्छता आदेश से या निर्देश से नहीं होती, स्वयं
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− | करने से होती है । यह सन्देश अतिथि महोदय ने बिना बोले
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− | दे दिया ।
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− | स्वच्छता और पवित्रता में भी भिन्नता है । जो-जो पवित्र
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− | है वह स्वच्छ है । परन्तु जो जो स्वच्छ है, वह पवित्र होगा
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− | ही ऐसा आवश्यक नहीं है । विद्यालय में स्वच्छता बनाये रखने
| |
− | हेतु स्थान स्थान पर कूडादान रखने होंगे । सफाई करने के
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− | पर्याप्त साधन झाड़ू, बाल्टियाँ, पुराने कपड़े आदि विद्यालय में
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− | कक्षाश: अलग उपलब्ध होने चाहिए । जिस किसी छात्र या
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− | आचार्य को एक छोटा सा तिनका भी दिखाई दे वह तुरन्त उस
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− | तिनके को उठाकर कूड़ादान में डाले, ऐसी आदत सबकी
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− | बनानी चाहिए । कोई भी खिड़की से कचरा बाहर न फेंके,
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− | गन्दगी करने वाले छात्रों के नाम बताने के स्थान पर स्वच्छता
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− | रखने वाले छात्रों के नाम बताना उनको गौरवान्वित करना
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− | अधिक प्रेरणादायी होता है ।
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− | अनेक बार बड़े लोग विदेशों में स्वच्छता व भारत में
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− | गन्दगी का तुलनात्मक वर्णन बच्चों के सामने ऐसे शब्दों में
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− | बताते हैं कि जैसे भारतीयों को गन्दगी ही पसन्द है, ये स्वच्छता
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− | के बारे में कुछ नहीं जानते । जैसे भारत में स्वच्छता को कोई
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− | महत्त्व ही नहीं है । ऐसा बोलने से अपने देश के प्रति हीनता
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− | बोध ही पनपता है, जो उचित नहीं है । भारत में तो सदैव से
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− | ही स्वच्छता का आचरण व व्यवहार रहा है । एक गृहिणी
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− | उठते ही सबसे पहले पूरे घर की सफाई करती है । घर के द्वार
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− | पर रंगोली बनाती है, पहले पानी छिड़कती है । ऐसी आदतें
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− | जिस देश के घर घर में हो भला वह भारत कभी स्वच्छता की
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− | अनदेखी कर सकता है ? केवल घर व शरीर की शुद्धि ही नहीं
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− | तो चित्त शुद्धि पर परम पद प्राप्त करने की इच्छा जन जन में
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− | थी, आज फिर से उसे जगाने की आवश्यकता है ।
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− | नहीं है ऐसा विचार सब करते हैं । ऐसे गन्दगी से भरे... स्वच्छता के सम्बन्ध में इस प्रकार
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− | २२७
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− | विचार करना चाहिये...
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− | ०... सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ नहीं रखना यह आज के
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− | समय का सामान्य प्रचलन हो गया है । इसका कारण
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− | जरा व्यापक और दूरवर्ती है । अंग्रेजों के भारत की
| |
− | सत्ता के अधिग्रहण से पूर्व भारतीय समाज स्वायत्त
| |
− | था। स्वायत्तता का एक लक्षण wan से
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− | सामाजिक दायित्वों का निर्वाहण करने का भी था ।
| |
− | परन्तु अंग्रेजों ने सत्ता ग्रहण कर लेने के बाद समाज
| |
− | धीरे धीरे शासन के अधीन होता गया । इस नई
| |
− | व्यवस्था में ज़िम्मेदारी सरकार की और काम समाज का
| |
− | ऐसा विभाजन हो गया । सरकार जिम्मेदार थी परन्तु
| |
− | स्वयं काम करने के स्थान पर काम करवाती थी । जो
| |
− | काम करता था उसका अधिकार नहीं था, जिसका
| |
− | अधिकार था वह काम नहीं करता था । धीरे धीरे काम
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− | करना हेय और करवाना श्रेष्ठ माना जाने लगा । आज
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− | ऐसी व्यवस्था में हम जी रहे हैं । यह व्यवस्था हमारी
| |
− | सभी रचनाओं में दिखाई देती है ।
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− | विद्यालय की स्वच्छता विद्यालय के आचार्यों और
| |
− | छात्रों के नित्यकार्य का अंग बनाना चाहिए क्योंकि
| |
− | यह शिक्षा का ही क्रियात्मक अंग है । आज ऐसा
| |
− | माना नहीं जाता है । आज यह सफाई कर्मचारियों का
| |
− | काम माना जाता है और पैसे देकर करवाया जाता
| |
− | है। छात्र या आचार्य इसे अपने लायक नहीं मानते
| |
− | हैं। इससे ऐसी मानसिकता पनपती है कि अच्छे
| |
− | पढेलिखे और अच्छी कमाई करने. वाले
| |
− | स्वच्छताकार्य करेंगे नहीं । समय न हो और अन्य
| |
− | लोग करने वाले हो और किसीको स्वच्छताकार्य न
| |
− | करना पड़े यह अलग विषय है परन्तु पढेलिखे हैं
| |
− | और प्रतिष्ठित लोग ऐसा काम नहीं करते यह
| |
− | मानसिकता अलग विषय है । प्रायोगिक शिक्षा का
| |
− | यह अंग बनने की आवश्यकता है ।
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− | स्वच्छता स्वभाव बने यह भी शिक्षा का आवश्यक
| |
− | अंग है। आजकल इस विषय में भी विपरीत
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− | अवस्था है। सार्वजनिक स्थानों पर, मार्गों पर,
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | कार्यालयों में कचरा जमा होना और चिन्ता का विषय है। साबुन, डीटेजेंट, एसिड,
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− | दिनों तक उसे उठाया नहीं जाना सहज बन गया है । फ़िनाइल आदि सफाई की जो सामग्री होती है वह
| |
− | आने जाने वाले लोगों को, वहीं पर काम करने वाले कृत्रिम और पर्यावरण का प्रदूषण करने वाली ही होती
| |
− | लोगों को इससे परेशानी भी नहीं होती है। इस है । इससे होने वाली सफाई सुन्दर दिखाई देने वाली
| |
− | स्वभाव को बदलना शिक्षा का विषय बनाना ही होती है परन्तु इसके पीछे व्यापक अस्वच्छता जन्म
| |
− | चाहिये । इसे बदले बिना यदि स्वच्छता का काम लेती है जो प्रदूषण पैदा करती है । ऐसी सुन्दर
| |
− | किया भी तो वह केवल विवशता से अथवा अंकों के अस्वच्छता की संकल्पना छात्रों को समझ में आए
| |
− | लिए होगा, करना चाहिये इसलिए नहीं होगा । ऐसा करने की आवश्यकता है। विद्यालय की
| |
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− | ०... विद्यालय की स्वच्छता में केवल भवन की स्वच्छता स्वच्छता छात्रों का सरोकार बने यही शिक्षा है।
| |
− | ही नहीं होती । पुस्तकें, शैक्षिक सामग्री,बगीचा, स्वच्छता अपने आपमें साध्य भी है और छात्रों के
| |
− | मैदान, उपस्कर आदि सभी बातों की स्वच्छता भी विकास का माध्यम भी है । यह व्यावहारिक शिक्षा है,
| |
− | होनी चाहिये । छात्रों का वेश, पदवेश, बस्ता आदि कारीगरी की शिक्षा है, विज्ञान की शिक्षा है, सामाजिक
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− | भी स्वच्छ होना अपेक्षित है । शिक्षा भी है ।
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− | ०... स्वच्छता के लिए प्रयोग में ली जाने वाली सामग्री
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− | विद्यालय का बगीचा
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− | 9. विद्यालय में बगीचा अनिवार्य है क्या ? प्रश्नावली से पाप्त उत्तर
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− | a. विद्यालय में बगीचा क्यों होना चाहिये ? हिमाचल के पहाड़ी प्रदेश के शिक्षकों ने इस
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− | ३... विद्यालय में कितना बड़ा बगीचा होना चाहिये ? ... प्रश्नावली के उत्तर भेजे हैं । दस प्रश्नोवाली यह प्रश्नावली
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− | ¥. विद्यालय में खुला अथवा सुरक्षित स्थान ही न हो सदैव हरी भरी वृक्ष-संपदा और फलोफूलों से समृद्ध प्रदेशों
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− | तो बगीचा कैसे बनायें ? के शिक्षकों की सहभागिता के कारण उत्तर अधिक
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− | ५... विद्यालय में बगीचा कैसा होना चाहिये ? सकारात्पक पिले हैं ।
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− | ६... बगीचा और पर्यावरण, बगीचा और सुन्दरता, १. विद्यालय मे बगीचा अनिवार्य ही है ऐसा दृढ़ मत
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− | बगीचा एवं स्वास्थ्य, बगीचा एवं संस्कारक्षमता सब का प्रथम प्रश्न का रहा । मुंबई जैसे महानगरों के
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− | का क्या सम्बन्ध है ? शिक्षक भी विद्यालय मे बगीचा चाहिये यह मान्य तो करते
| |
− | ७... विद्यालय में घास, पौधे, वृक्ष एवं लता के विषय हैं परंतु असंभव है ऐसा भी लिखते हैं । स्थान स्थान की
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− | में किन किन बातों का विचार करना चाहिये ? परिस्थिति अनुसार विचार बदलता है. यह हम सबका
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− | ८. . विद्यालय में फूल, फल आदि के विषय में क्या अनुभव है ।
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− | क्या विचार करना चाहिये ? २. बगीचा क्यों चाहिये ? इस प्रश्न के उत्तर में
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− | 8. छात्रों एवं आचायों की वनस्पति सेवा में ब्वालकों में सौंदर्यदृष्टि बढे, विद्यालय का सौंदर्य बढे, उनको
| |
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− | सहभागिता कैसे बने ? वृक्षवनस्पती फूल पौधों की जानकारी मिले इस प्रकार के
| |
− | १०. बगीचा तैयार करते समय खर्च, सुविधा, विविध उत्तर प्राप्त हुए .
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− | उपयोगिता, सुन्दरता, प्रसन्नता, प्राकृतिकता एवं ३. बगीचा कितना बडा हो ? इस प्रश्न के लिए
| |
− | व्यावहारिकता का ध्यान कैसे रखें ? उसका क्षेत्र (एरिया) कितना हो इस बाबत स्पष्ट उट्लेख नहीं
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− | RRC
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− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
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− | था । जितनी जगह उतना बगीचा आवश्यक है ऐसा आग्रह
| |
− | रहा । विद्यालय में खुली जगह न हो तो गमले में ही पौधे
| |
− | लगाकर बगीचा तो बनवाना ही चाहिये । बगीचा कैसा
| |
− | होना चाहिये इस प्रश्न के उत्तर मे सुंदर, सुशोभित, बहुत
| |
− | बडी हरियाली रंगबिरंगी फूलों के पौधे, बडे बडे वृक्ष इन
| |
− | सबका समावेश बगीचा संकल्पना में दिखाई दिया । ६
| |
− | पर्यावरण, सुंदरता, स्वास्थ्य, संस्कारक्षमता और बगीचा
| |
− | परस्परपूरक बातें हैं यह तो लिखा परंतु किस प्रकार से यह
| |
− | किसी ने भी स्पष्ट नहीं किया । प्र. ७ से १० तक के WA
| |
− | वैचारिक थे उनके उत्तर वैसे नहीं थे । केवल मुलायम घास,
| |
− | फूलों से भरे वृक्ष इस प्रकार के सीमित शब्दों में जवाब थे ।
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− | अभिमत : वास्तव में जैसे आंगन बिना घर अधूरा
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− | वैसे ही बगीचा बिना विद्यालय अधूरा यह विचार मन मे दृढ़
| |
− | हो । विद्यालय का बगीचा यह जैसा रमणीय स्थान है वैसा
| |
− | हि शैक्षिक स्थान भी है । निसर्ग की गोद में पढना माने शुद्ध
| |
− | प्राकृतिक वातावरण में पढ़ना है । जैसे वातावरण में शुद्ध
| |
− | सात्तिक भाव जागृत होते हैं जो विद्यार्थी को ज्ञानार्जन में
| |
− | सहायता करते हैं ।
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− | हरीभरी लताएँ फल और पुष्पों से भरे पौधे इनके
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− | माध्यम से सृष्टि के विविध रूपों का अनुभव होता है । उनको
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− | संरक्षण और संवर्धन के संस्कार मिलते हैं, उनकी सेवा करने
| |
− | से आत्मीयता और आनंद प्राप्त होता हैं; ज्ञान मिलता है,
| |
− | प्रसन्नता मिलती है इस कारण ही ऋषिमुनीयों के आश्रम शहरों
| |
− | से दूरी पर निसर्ग की गोद में रहते थे । बडे वृक्षों पर रहनेवाले
| |
− | प्राणी-पक्षिओं का जीवन परिचय होता है, वृक्ष के आधार से
| |
− | बढती हुई लताएँ देखकर आधार देने का अर्थ समझ में आने
| |
− | लगता । वृक्षों की पहचान और उनके उपकार समझते है ।
| |
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− | विद्यालय के बगीचे में देसी फूल, सुगंधित फूल
| |
− | योजना से लगाएँ । फक्रोटन जैसे, जिनकी विशेष देखभाल
| |
− | नहीं करनी पड़ती इसलिए उनको ही लगाना यह विचार
| |
− | बहुत ही गलत संस्कार करता है। उल्टा किसी की
| |
− | देखभाल करने से हमारा भी मन कोमल और प्रसन्न बनता
| |
− | है। फलों के वृक्ष से उनकी सुरक्षा करना, उन्हें स्वयं क्षति
| |
− | नहीं पहुँचाना इस वृत्ति का पोषण होता है । आज बडे बडे
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− | शहहरो में विद्यालय की भव्य इमारत तो दिखती है परंतु वहाँ
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− | BW
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− | हरियाली नहीं, पौधे नहीं, फलों से भरे
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− | वृक्ष नहीं दिखते हैं तो केवल चारों और सिमेंट की
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− | निर्जीवता । ऐसे रुक्ष एवं यांत्रिक निर्जीव वातावरण में
| |
− | शिक्षा भी निरस होती है । संवेदना, भावना जागृत नहीं
| |
− | होती । विद्यालय का भवन बनाते समय यह बात ध्यान में
| |
− | रखना आवश्यक है । ज्ञान जड नही चेतन है इसकी
| |
− | अनुभूति बगीचे के माध्यम से निश्चित होगी ।
| |
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− | विमर्श
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− | विद्यालय के प्रांगण में आँवला, जामुन, बेर, इमली,
| |
− | इस प्रकार से वृक्ष लगाने से छाँव और फल दोनों मिलेंगे ।
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− | विद्यालय में बगीचा होना ही चाहिये ।
| |
− | विद्यालय छोटा हो और स्थान न हो तो छोटा सा ही
| |
− | सही लेकिन बगीचा अवश्य होना चाहिये ।
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− | बगीचा दृश्निन्द्रीय और घ्राणेंट्रिय के संतर्पण के लिये
| |
− | आवश्यक होता है । संतर्पण का अर्थ है ज्ञानेन्द्रियों
| |
− | को उनका आहार देकर तुष्ट और पुष्ठट करना । रंग
| |
− | दर्शनिन्द्रियि का और सुगंध प्राणेंद्रिय का आहार है ।
| |
− | अत: बगीचा रंगो और सुगन्ध की दृष्टि से सुन्दर होना
| |
− | चाहिये ।
| |
− | विभिन्न प्रकार के रंगों के फूल और पत्तों से रंगों की
| |
− | सुंदरता निर्माण होती है । परन्तु फूलों के रंगों से भी
| |
− | सुगन्ध की सुंदरता का अधिक महत्त्व है । रंग सुन्दर
| |
− | है परन्तु सुगन्ध नहीं है तो ऐसे फूलों का कोई महत्त्व
| |
− | नहीं । ये फूल नकली फूलों के बराबर होते हैं ।
| |
− | इसलिए सुगन्ध वाले फूल ही बगीचे में होने चाहिये ।
| |
− | आजकल बगीचे में रंगों की शोभा को अधिक महत्त्व
| |
− | देकर नकली फूलों के पौधे ही लगाये जाते हैं। क्रोटन
| |
− | और अन्य विदेशी फूल जो दिखने में तो बहुत सुन्दर
| |
− | होते हैं परन्तु उनमें सुगन्ध नहीं होती ऐसे लगाये जाते
| |
− | हैं । ऐसे फूल लगाना व्यर्थ है । वे इंद्रियों का संतर्पण
| |
− | नहीं करते ।
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− | आजकल घास भी विदेशी लगाई जाती है । वास्तव
| |
− | में घास के रूप में दूर्वा ही उत्तम है । इसका सम्बन्ध
| |
− | आरोग्य के साथ है | Gal में शरीर और मन का ताप
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− | g.
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− | रे.
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− | हरण करने की अद्भुत शक्ति होती है ।
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− | इसलिए दूर्वा के ऊपर खुले पैर चलने का परामर्श
| |
− | दिया जाता है । उसी प्रकार से देशी मेंहदी भी आरोग्य
| |
− | की दृष्टि से ताप हरण करने वाली होती है ।
| |
− |
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− | बगीचे में नीम, तुलसी, चंपा, औदुम्बर, अशोक,
| |
− | अमलतास, हरसिंगार जैसे वृक्ष, गुलाब, बेला, जासूद
| |
− | जैसे पौधे, जूही, चमेली जैसी लतायें होनी चाहिये |
| |
− | ये सब सात्विक सुगंधी वाले और आरोग्य प्रदान
| |
− | करने वाले होते हैं ।
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− |
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− | बगीचा केवल मनोरंजन के लिए नहीं है, केवल
| |
− | शोभा के लिए नहीं है । वह बहुत बड़ा शिक्षा का
| |
− | केंद्र है। उसी प्रकार से उसका उपयोग होना
| |
− | चाहिये । वह शिशुकक्षाओं से लेकर बड़ी कक्षाओं
| |
− | तक वनस्पतिविज्ञान का केंद्र हो सकता है । उसी
| |
− | प्रकार से उसकी योजना करनी चाहिये । इस अर्थ में
| |
− | वह विज्ञान की प्रयोगशाला ही है ।
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− |
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− | बगीचा जिस प्रकार विज्ञान की प्रयोगशाला है उसी
| |
− | प्रकार कृषिशास्त्र की भी प्रयोगशाला है । इसलिए
| |
− | विद्यालय का बगीचा आचार्यों और छात्रों ने मिलकर
| |
− | बनाया हुआ होना चाहिये । बगीचा बनाने के इस
| |
− | कार्य में बड़ी से छोटी कक्षाओं तक के सभी छात्रों के
| |
− | लिये काम होना आवश्यक है । शिक्षकों कों इस
| |
− | कार्य में रुचि और कौशल दोनों होने चाहिये ।
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− | मिट्टी कुरेदना, मिट्टी को कूटना, छानना, उसे पानी में
| |
− | भिगोना, गूँधना, गमले तैयार करना, बुवाई करना,
| |
− | पौधे लगाना, क्यारियाँ साफ करना, पानी देना, पौधों
| |
− | की कटाई करना,फूल चुनना, फल तोड़ना आदि सभी
| |
− | काम विद्यालय की शिक्षा के महत्त्वपूर्ण अंग हैं । इन
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | कामों के लिये बगीचे की आवश्यकता होती है ।
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− | बगीचे के कारण ही पौधा कैसे बड़ा होता है, जीवन
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− | का विकास कैसे होता है इसका अनुभूत ज्ञान प्राप्त
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− | होता है ।
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− | वनस्पति हमारे लिये कितनी उपकारक है, भूमि कैसे
| |
− | हमारा पोषण करती है, पेड़पौधों के स्वभाव कैसे होते
| |
− | है, उन्हें क्या अच्छा लगता है और किससे उन्हें
| |
− | दुःख होता है आदि का मनोवैज्ञानिक पक्ष भी इसके
| |
− | साथ जुड़ा हुआ है ।
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− | बगीचा है तो उसके साथ आयुर्वेद का ज्ञान,
| |
− | औषधिविज्ञान का ज्ञान, औषधि वनस्पति को
| |
− | पहचानना आदि भी सिखाया जा सकता है ।
| |
− |
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− | बगीचे में ही सागसब्जी उगाकर उसका नाश्ते में
| |
− | उपयोग करना, उसके साथ आरोग्यशाख्र और
| |
− | आहारशास्त्र को जोड़ना भी महत्त्वपूर्ण आयाम है ।
| |
− | विद्यालयों में बगीचे के लिये स्थान ही नहीं होना,
| |
− | समयसारिणी में बगीचे के लिये प्रावधान ही नहीं
| |
− | होना, उसे सिखाने वाले शिक्षक ही नहीं मिलना, इसे
| |
− | अभिभा
| |
− | �
| |
− |
| |
− | वकों ने स्वीकार ही नहीं करना आदि अनेक
| |
− |
| |
− | अवरोध निर्माण हो जाते हैं । ये अवरोध शिक्षा के
| |
− |
| |
− | सम्यक दृष्टिकोण के अभाव के कारण होते हैं । इन
| |
− |
| |
− | अवरोधों को दूर करने के लिये शिक्षक शिक्षा का
| |
− |
| |
− | और अभिभावक प्रबोधन का प्रबन्ध विद्यालय में ही
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− |
| |
− | होना चाहिये ।
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− |
| |
− | जहां विद्यालय के साथ थोड़ी अधिक भूमि है वहाँ
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− |
| |
− | विद्यालय के निभाव के लिये बागवानी विकसित
| |
− |
| |
− | करना भी विद्यालय का कार्य है ।
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− |
| |
− | विद्यालय की वाहनव्यवस्था
| |
− |
| |
− | छात्रों, आचार्यों, अन्य कर्मचारियों को विद्यालय
| |
− |
| |
− | में आने के लिये वाहन होना चाहिये क्या ? यदि
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− |
| |
− | हां, तो क्यों ?
| |
− |
| |
− | घर से विद्यालय की दूरी कितनी होनी चाहिये ?
| |
− |
| |
− | दूरी के अनुसार वाहन किस प्रकार का होना
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− |
| |
− | चाहिये ?
| |
− |
| |
− | कौन सा वाहन किस प्रकार का होना चाहिये ?
| |
− |
| |
− | (१) बस (२) कार (३) टैम्पो (४) ऑटोरिक्षा
| |
− |
| |
− | ............. page-247 .............
| |
− |
| |
− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
| |
− |
| |
− | (५) साईकिल रिक्षा (६) स्कूटर (७) साईकिल ५. दो किमी दूर तक विद्यालय में
| |
− |
| |
− | (८) तांगा (९) बैलगाड़ी (१०) ऊँटगाडी (११) पैदल ही जाना चाहिए । ऐसा सबका मत था ।
| |
− |
| |
− | अन्य । ६. जो बच्चे कार से विद्यालय आते हैं, उनके प्रति
| |
− |
| |
− | ५. घर से विद्यालय कितनी दूरी पर हो तो पैदल छात्रों एवं आचार्यों में यह धारणा बनती हैं कि वे तो अमीर
| |
− |
| |
− | जाना चाहिये ? घर के हैं। जो उचित नहीं है। अतः सभी छात्रों को
| |
− |
| |
− | ६.. सुविधा, खर्च एवं पर्यावरण की दृष्टि से... विद्यालय वाहन से ही आना चाहिए । यह सबका मत था ।
| |
− |
| |
− | वाहनव्यवस्था के सम्बन्ध में क्या विचार करना ७. विद्यालय की वाहन व्यवस्था से निर्माण होने
| |
− |
| |
− | चाहिये ? वाली असुविधाएँ एवं समस्याएँ सब जानते हैं । वाहनों के
| |
− |
| |
− | ७... वाहनव्यवस्था के साथ प्रतिष्ठा का भी सम्बन्ध... कारण होने वाली दुर्घटनाएँ, वाहन चालकों की लापरवाही,
| |
− |
| |
− | जुड़ गया है। इसके सम्बन्ध में उचित विचार एवं... वाहन के खराब हो जाने पर विद्यालय में अनुपस्थिति, एक
| |
− |
| |
− | व्यवस्था कैसे करें ? ही वाहन में अपेक्षा से अधिक संख्या, वाहन के कारण घर
| |
− |
| |
− | é. कभी कभी छात्रों को नौकर या अभिभावक... से जल्दी आना व देर से घर पहुँचना आदि कठिनाइयाँ खड़ी
| |
− |
| |
− | छोड़ने आते हैं । उसका क्या प्रभाव होता है ? होती हैं ।
| |
− |
| |
− | ९. वाहनव्यवस्था से असुविधा भी हो सकती है अभिमत :
| |
− |
| |
− | क्या ? यदि हां, तो किस प्रकार की ? सभी उत्तरों को पढनें से ऐसा लगा कि हम स्वयं
| |
− |
| |
− | १०, वाहन के कारण से क्या क्या समस्यायें निर्माण समस्या निर्माण करने वाले हैं और हम ही उनका समर्थन
| |
− |
| |
− | हो सकती हैं ? करने वाले हैं । सबसे अच्छी व्यवस्था तो यही है कि जिस
| |
− |
| |
− | आयु का बालक जितनी दूर पैदल जा सकता है, उतनी दूर
| |
− |
| |
− | पर ही उसका विद्यालय होना चाहिए । पैदल जाते समय
| |
− |
| |
− | इस प्रश्नावली को भरवाने में गाँधीनगर की विद्याबहन . मित्रों का साथ उन्हें आनन्ददायी लगता है । शारीरिक
| |
− |
| |
− | पसारी का सहयोग रहा । दस प्रश्नों की इस प्रश्नावली में... स्वस्थता एवं स्वावलम्बन दोनों ही सहज में मिलते हैं ।
| |
− |
| |
− | प्राचार्य, प्राध्यापक, संस्थाचालक, गृहिणी एवं शिक्षक भी... आते जाते मार्ग के टरश्य, घटनाएँ बहुत कुछ अनायास ही
| |
− |
| |
− | सम्मिलित हुए । उनके उत्तर इस प्रकार थे : सिखा देती है । ऐसी अनुकूलता की अनेक बातें छोड़कर
| |
− |
| |
− | १. छात्र-कर्मचारी, आचार्य आदि सबको लाने के... हम प्रतिकूल परिस्थिति में जीवन जीते हैं, ऐसा क्यों ? तो
| |
− |
| |
− | लिए वाहन व्यवस्था आवश्यक है । इस व्यवस्था से पैसे व. ध्यान में आता है कि अपने बालक को केजी से पीजी तक
| |
− |
| |
− | प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर
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− |
| |
− | समय दोनों की बचत होती है । ऐसा सबका मत था । की शिक्षा एक ही अच्छी संस्था में हो वही भेजना ऐसे
| |
− |
| |
− | २. घर से विद्यालय की दूरी जितनी कम उतना ही... दुराग्रह रखने से होता है । इसके स्थान पर जो विद्यालय
| |
− |
| |
− | अच्छा, यह बात तत्त्वतः सबको ही मान्य है । पास में है, उसे ही अच्छा बनाने में सहयोगी होना । ऐसा
| |
− |
| |
− | ३. विद्यालय की दूरी को ध्यान में रखकर वाहन का... विचार यदि अभिभावक रखेंगे तो शिक्षा आनन्द दायक व
| |
− |
| |
− | चयन करना चाहिए । साँझा वाहन अच्छा, ऐसा अभिप्राय.. तनावमुक्त होगी । छोटे छोटे गाँवों में बैलगाडी, ऊँटगाडी,
| |
− |
| |
− | तीसरे प्रश्न के उत्तर में प्राप्त हुआ । घोडागाडी से विद्यालय जाना कितना सुखकर होता था, यह
| |
− |
| |
− | ४. पर्यावरण की हानि न हो, ऐसे वाहनों का ही... हम भूल गये हैं । इन वाहनों की गति कम होने से दुर्घटना
| |
− |
| |
− | उपयोग होना चाहिए । यह उत्तर बहन मीनाक्षी सोमानी होने की सम्भावना भी कम और मार्ग में निरीक्षण करते जाने
| |
− |
| |
− | तथा पूजा राठीने दिया है । शेष सबने स्कूल बस का ही... का आनन्द अधिक मिलता है । निर्जीव वाहनों में यात्रा
| |
− |
| |
− | पर्याय सुझाया है । करने के स्थान पर जीवित प्राणियों के साथ प्रवास करने से
| |
− |
| |
− | R38
| |
− |
| |
− | ............. page-248 .............
| |
− |
| |
− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
| |
− |
| |
− | उन प्राणियों के प्रति संवेदना जाग्रत ... ऑटोरिक्षा : शिशु से लेकर किशोर आयु के विद्यार्थी
| |
− |
| |
− | होती है और उनसे आत्मीयता बढती है । इस व्यवस्था में आतेजाते हैं ।
| |
− |
| |
− | बच्चों का आनन्द बडों की समझ में नहीं आता | हम... २... साइकिलरट्क्षा : क्लचित इनका भी प्रयोग होता है और
| |
− |
| |
− | उन्हें भी अपने जैसा अव्यवहारिक तथा असंवेदनशील शिशु और बाल आयु के विद्यार्थी इनमें जाते हैं ।
| |
− |
| |
− | बनाते जाते हैं । इसी प्रकार २ किमी से लेकर ५ किमी तक... ३... स्कूटर और मोटर साइकिल : महाविद्यालयीन
| |
− |
| |
− | की दूरी है तो साइकिल का उपयोग हर दृष्टि से लाभदायक विद्यार्थियों का यह अतिप्रिय वाहन है । छोटी आयु
| |
− |
| |
− | रहता है । पर्याप्त शारीरिक व्यायाम हो जाता है, किसी भी के छात्रों को उनके अभिभावक लाते ले जाते हैं ।
| |
− |
| |
− | प्रकार का प्रदूषण नहीं होता और साथ ही साथ पैसा व... ४... साइकिल : बाल और किशोर साइकिल का भी
| |
− |
| |
− | समय दोनों बचते हैं । इसलिए स्थान स्थान पर अच्छे व प्रयोग करते हैं ।
| |
− |
| |
− | छोटे छोटे विद्यालय खड़ें करने चाहिए । ५... कार : धनाढ्य परिवारों के बालकों के लिये
| |
− |
| |
− | वर्तमान समय में अनेक WAT TOTS के कारण मातापिता कार की सुविधा देते हैं । महाविद्यालयीन
| |
− |
| |
− | हमने अपने लिये अनेक समस्याओं को मोल लिया है । विद्यार्थी स्वयं भी कार लेकर आते हैं ।
| |
− |
| |
− | उनमें एक वाहन की समस्या है। अपनी सन्तानों को... ६.. स्कूल बस : महाविद्यालयों में जिस प्रकार मोटर-
| |
− |
| |
− | विद्यालय भेजना अथवा बडे विद्यार्थी हों तो विद्यालय जाना साइकिल बहुत प्रचलित है उस प्रकार शिशु से
| |
− |
| |
− | महँगा हो रहा है उसमें एक हिस्सा वाहन का खर्च है । किशोर आयु के विद्यार्थियों के लिये स्कूल बस
| |
− |
| |
− | अत्यन्त प्रचलित वाहन है। इसकी व्यवस्था
| |
− |
| |
− | विमर्श क्यों विद्यालय द्वारा ही की जाती है । कभी विद्यालयों की
| |
− |
| |
− | वाहन की व्यवस्था क्यों करनी पड़ती है ? ओर से ऑटोरिक्षा का प्रबन्ध भी किया जाता है ।
| |
− |
| |
− | ०... विद्यालय घर से इतना दूर है कि बालक पैदल हमें एक दृष्टि से लगता है कि वाहन के कारण
| |
− |
| |
− | चलकर नहीं जा सकते । सुविधा होती है । परन्तु वाहन के कारण अनेक प्रकार की
| |
− |
| |
− | ०"... यदि पैदल चलकर जा भी सकते हैं तो सडकों पर... समस्यायें भी निर्माण होती हैं ।
| |
− |
| |
− | वाहनों का यातायात इतना अधिक है कि उनकी
| |
− |
| |
− | ने कैसे ?
| |
− |
| |
− | सुरक्षा के विषय में भय लगता है ।
| |
− |
| |
− | ०... पैदल चलकर जा भी सकते हैं तो अब छोटे या बडे .... १. सबसे बडी समस्या है प्रदूषण की । झट से कोई कह
| |
− |
| |
− | विद्यार्थियों में इतनी शक्ति नहीं रही कि वे चल देता है कि सीएनजी के कारण अब उतना प्रदूषण
| |
− |
| |
− | सकें । उन्हें थकान होती है । नहीं होता जितना पहले होता था । यह तो ठीक है
| |
− |
| |
− | © पैदर चलने की शक्ति है तो मानसिकता नहीं है । परन्तु ईंधन की पैदाइश से लेकर प्रयोग तक सर्वत्र
| |
− |
| |
− | पैदल चलना अच्छा नहीं लगता । पैदल चलने में वह प्रदूषण का ही स्रोत बनता है । अनदेखी की जा
| |
− |
| |
− | प्रतिष्ठा नहीं लगती । सके इतनी सामान्य समस्या यह नहीं है ।
| |
− |
| |
− | ०... पैदल चलकर यदि सम्भव भी है तो लगता है कि आने... २... यातायात की भीड : वाहनों की संख्या इतनी बढ गई
| |
− |
| |
− | जाने में ही इतना समय बरबाद हो जायेगा की पढने का है कि सडकों पर उनकी भीड हो जाती है । ट्रैफिक
| |
− |
| |
− | समय कम हो जायेगा । थक जायेंगे तो पढ़ेंगे कैसे ? की समस्या महानगरों में तो विकट बन ही गई है,
| |
− |
| |
− | इन कारणों से वाहन की आवश्यकता निर्माण होती अब वह नगरों की ओर गति कर रही है । इससे
| |
− |
| |
− | है । विद्यालय जाने के लिये जिन वाहनों का प्रयोग होता है कोलाहल अर्थात् ध्वनि प्रदूषण पैदा होता है। हम
| |
− |
| |
− | वे कुछ इस प्रकार के हैं जानते ही नहीं है कि यह हमारी श्रवणेन्द्रिय पर
| |
− |
| |
− | RRR
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| |
− | ............. page-249 .............
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− |
| |
− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
| |
− |
| |
− | गम्भीर अत्याचार है और इससे हमारी मानसिक
| |
− |
| |
− | शान्ति का नाश होता है, विचारशक्ति कम होती है ।
| |
− |
| |
− | वाहनों की भीड के कारण सडर्कें चौडी से अधिक
| |
− |
| |
− | चौडी बनानी पड़ती हैं। सडक के बहाने फिर
| |
− |
| |
− | प्राकृतिक संसाधनों के नाश का चक्र शुरू होता है ।
| |
− |
| |
− | सडकें चौडी बनाने के लिये खेतों को नष्ट किया जाता
| |
− |
| |
− | है, पुराने रास्तों के किनारे लगे वृक्षों को उखाडा
| |
− |
| |
− | जाता है । यह संकट कोई सामान्य संकट नहीं है ।
| |
− |
| |
− | ट्रेफिक जेम होने के कारण समय की और बरबादी होती
| |
− |
| |
− | है । समय की बरबादी का तो और भी एक कारण है ।
| |
− |
| |
− | एक बस में यदि २० से ५० विद्यार्थी आते जाते हैं तो
| |
− |
| |
− | उन्हें आने जाने में एक से ढाई घण्टे खर्च करने पड़ते
| |
− |
| |
− | हैं। समय एक ऐसी सम्पत्ति है जो अमीर-गरीब के
| |
− |
| |
− | पास समान मात्रा में ही होती है, और एक बार गई तो
| |
− |
| |
− | किसी भी उपाय से न पुनः प्राप्त हो सकती है न उसका
| |
− |
| |
− | खामियाजा भरपाई किया जा सकता है ।
| |
− |
| |
− | वाहन से यात्रा का प्रभाव शरीरस्वास्थ्य पर भी
| |
− |
| |
− | विपरीत ही होता है । वाहन के चलने से उसकी गति
| |
− |
| |
− | से, उसकी आवाज से, उसकी ब्रेक से शरीर पर
| |
− |
| |
− | आघात होते हैं और दर्द तथा थकान उत्पन्न होते हैं ।
| |
− |
| |
− | हमारी विपरीत सोच के कारण से हमें समझ में नहीं
| |
− |
| |
− | आता कि चलने से व्यायाम होता है और शरीर
| |
− |
| |
− | स्वस्थ बनता है जबकि वाहन से अस्वास्थ्य बढ़ता
| |
− |
| |
− | है और खर्च भी होता है । वाहन से समय बचता है
| |
− |
| |
− | ऐसा हमें लगता है परन्तु उसकी कीमत पैसा नहीं,
| |
− |
| |
− | स्वास्थ्य है ।
| |
− |
| |
− | वाहन के कारण खर्च बढ़ता है । पढाई के शुल्क से
| |
− |
| |
− | भी वाहन का खर्च अधिक होता है । परिस्थिति और
| |
− |
| |
− | मानसिकता के कारण यह खर्च हमें अनिवार्य लगता
| |
− |
| |
− | है ।
| |
− |
| |
− | वाहनों की अधिकता के कारण केवल व्यक्तिगत
| |
− |
| |
− | सम्पदाओं का नाश नहीं होता है, राष्ट्रीय सम्पत्ति का
| |
− |
| |
− | भी नाश होता है । सुखद जलवायु, समशीतोष्ण
| |
− |
| |
− | तापमान, खेती, स्वस्थ शरीर और मन वाले मनुष्य
| |
− |
| |
− | राष्ट्रीय सम्पत्ति ही तो है । वाहनों के अतिरेक से इस
| |
− |
| |
− | 233
| |
− |
| |
− | सम्पत्ति का हास होता है । यह
| |
− |
| |
− | समस्या लगती है उससे कहीं अधिक है ।
| |
− |
| |
− | इन समस्याओं का समाधान क्या है इसका विचार हमें
| |
− |
| |
− | शान्त चित्त से, बुद्धिपूर्वक, मानवीय दृष्टिकोण से और
| |
− |
| |
− | व्यावहारिक धरातल पर करना होगा ।
| |
− |
| |
− | कुछ इस प्रकार से उपाय करने होंगे...
| |
− |
| |
− | श्,
| |
− |
| |
− | हमें मानसिकता बनानी पड़ेगी कि पैदल चलना
| |
− |
| |
− | अच्छा है । उसमें स्वास्थ्य है, खर्च की बचत है,
| |
− |
| |
− | अच्छाई है और इन्हीं कारणों से प्रतिष्ठा भी है ।
| |
− |
| |
− | यह केवल मानसिकता का ही नहीं तो व्यवस्था का
| |
− |
| |
− | भी विषय है । हमें बहुत व्यावहारिक होकर विचार
| |
− |
| |
− | करना होगा |
| |
− |
| |
− | विद्यालय घर से इतना दूर नहीं होना चाहिये कि
| |
− |
| |
− | विद्यार्थी पैदल चलकर न जा सर्कें । शिशुओं के लिये
| |
− |
| |
− | और प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये तो
| |
− |
| |
− | वह व्यवस्था अनिवार्य है । यहाँ फिर मानसिकता का
| |
− |
| |
− | प्रश्न अवरोध निर्माण करता है । अच्छे विद्यालय की
| |
− |
| |
− | ant aaa इतनी विचित्र हैं कि हम इन
| |
− |
| |
− | समस्याओं का विचार ही नहीं करते । वास्तव में घर
| |
− |
| |
− | के नजदीक का सरकारी प्राथमिक विद्यालय या कोई
| |
− |
| |
− | भी निजी विद्यालय हमारे लिये अच्छा विद्यालय ही
| |
− |
| |
− | माना जाना चाहिये । अच्छे विद्यालय के सर्वसामान्य
| |
− |
| |
− | नियमों पर जो विद्यालय खरा नहीं उतरता वह
| |
− |
| |
− | अभिभावकों के दबाव से बन्द हो जाना चाहिये ।
| |
− |
| |
− | वास्तविक दृश्य यह दिखाई देता है कि अच्छा नहीं
| |
− |
| |
− | है कहकर जिस विद्यालय में आसपास के लोग अपने
| |
− |
| |
− | बच्चों को नहीं भेजते उनमें दूर दूर से बच्चे पढने के
| |
− |
| |
− | लिये आते ही हैं। निःशुल्क सरकारी प्राथमिक
| |
− |
| |
− | विद्यालयों को अभिभावक ही अच्छा विद्यालय बना
| |
− |
| |
− | सकते हैं । इस सम्भावना को त्याग कर दूर दूर के
| |
− |
| |
− | विद्यालयों में जाना बुद्धिमानी नहीं है ।
| |
− |
| |
− | साइकिल पर आनाजाना सबसे अच्छा उपाय है । वास्तव
| |
− |
| |
− | में विद्यालय ने ऐसा नियम बनाना चाहिये किघर से विद्यालय
| |
− |
| |
− | की दूरी एक किलोमीटर है तो पैदल चलकर ही आना
| |
− |
| |
− | ............. page-250 .............
| |
− |
| |
− | है, साइकिल भी नहीं लाना है और पाँच
| |
− |
| |
− | से सात किलोमीटर है तो साइकिल लेकर ही आना है ।
| |
− |
| |
− | विद्यालय में पेट्रोल-डीजल चलित वाहन की अनुमति ही
| |
− |
| |
− | नहीं है । अभिभावक अपने वाहन पर भी छोडने के लिये
| |
− |
| |
− | न आयें ।
| |
− |
| |
− | देखा जाता है कि जहाँ ऐसा नियम बनाया जाता है
| |
− |
| |
− | वहाँ विद्यार्थी या अभिभावक पेट्रोल-डिजल चलित
| |
− |
| |
− | वाहन तो लाते हैं, परन्तु उसे कुछ दूरी पर रखते हैं और
| |
− |
| |
− | बाद में पैदल चलकर विद्यालय आते हैं । यह तो इस
| |
− |
| |
− | बात का निदरद्शक है कि विद्यार्थी और उनके मातापिता
| |
− |
| |
− | अप्रामाणिक हैं, नियम का पालन करते नहीं हैं इसलिये
| |
− |
| |
− | अनुशासनहीन हैं और विद्यालय के लोग यह जानते हैं
| |
− |
| |
− | तो भी कुछ नहीं कर सकते इतने प्रभावहीन हैं ।
| |
− |
| |
− | वास्तव में इस व्यवस्था को सबके मन में स्वीकृत
| |
− |
| |
− | करवाना विद्यालय का प्रथम दायित्व है ।
| |
− |
| |
− | महाविद्यालयों में मोटर साइकिल एक आर्थिक,
| |
− |
| |
− | पर्यावरणीय और सांस्कृतिक अनिष्ट बन गया है।
| |
− |
| |
− | मार्गों पर दुर्घटनायें युवाओं के बेतहाशा वाहन चलाने
| |
− |
| |
− | के कारण होती हैं । महाविद्यालय के परिसर में और
| |
− |
| |
− | आसपास पार्किंग की समस्या इन्हीं के कारण से होती
| |
− |
| |
− | है । पिरीयड बंक करने का प्रचलन इसी के आकर्षण
| |
− |
| |
− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
| |
− |
| |
− | से होता है। मित्रों के साथ मजे करने का एक
| |
− |
| |
− | माध्यम मोटरसाइकिल की सवारी । वह दस प्रतिशत
| |
− |
| |
− | उपयोगी और नब्बे प्रतिशत अनिष्टकारी वाहन बन
| |
− |
| |
− | गया है । महाविद्यालयों का किसी भी प्रकार का
| |
− |
| |
− | नैतिक प्रभाव विद्यार्थियों पर नहीं है इसलिये वे उन्हें
| |
− |
| |
− | मोटरसाइकिल के उपयोग से रोक नहीं सकते । परन्तु
| |
− |
| |
− | इसका एकमात्र उपाय नैतिक प्रभाव निर्माण करने का,
| |
− |
| |
− | विद्यार्थियों का प्रबोधन करने का और महाविद्यालय
| |
− |
| |
− | में साइकिल लेकर आने की प्रेरणा देने का है । इसके
| |
− |
| |
− | बाद मोटरसाइकिल लेकर नहीं आने का नियम बनाया
| |
− |
| |
− | जा सकता है ।
| |
− |
| |
− | वास्तव में साइकिल संस्कृति का विकास करने की
| |
− |
| |
− | आवश्यकता है । सडकों पर साइकिल के लिये अलग
| |
− |
| |
− | से व्यवस्था बन सकती है । पैदल चलनेवालों और
| |
− |
| |
− | साइकिल का प्रयोग करने वालों की प्रतिष्ठा set
| |
− |
| |
− | चाहिये । विद्यालयों ने इसे अपना मिशन बनाना
| |
− |
| |
− | चाहिये । सरकार ने आवाहन करना चाहिये । समाज
| |
− |
| |
− | के प्रतिष्ठित लोगों ने नेतृत्व करना चाहिये ।
| |
− |
| |
− | जिस दिन वाहनव्यवस्था और वाहनमानसिकता में
| |
− |
| |
− | परिवर्तन होगा उस दिन से हम स्वास्थ्य, शान्ति और समृद्धि
| |
− |
| |
− | की दिशा में चलना शुरू करेंगे ।
| |
− |
| |
− | विद्यालय में ध्वनिव्यवस्था
| |
− |
| |
− | ध्वनि प्रदूषण का क्या अर्थ है ?
| |
− |
| |
− | विद्यालय में ध्वनि प्रदूषण किन किन स्रोतों से
| |
− |
| |
− | होता है ?
| |
− |
| |
− | अच्छी ध्वनिव्यवस्था का क्या अर्थ है ?
| |
− |
| |
− | ध्वनि का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य पर क्या
| |
− |
| |
− | ग्रभाव होता है ?
| |
− |
| |
− | ध्वनि व्यवस्था की दृष्टि से निम्नलिखित बातों में
| |
− |
| |
− | क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिये ?
| |
− |
| |
− | १, ध्वनिवर्धक यंत्र
| |
− |
| |
− | २. ध्वनिमुद्रण यंत्र एवं ध्वनमुद्रिकायें
| |
− |
| |
− | ३. ध्वनिक्षेपक यंत्र
| |
− |
| |
− | श्ड्ढ
| |
− |
| |
− | ४. विद्यालय की विभिन्न प्रकार की घण्टियां
| |
− |
| |
− | ५. कक्षाकक्ष की रचना
| |
− |
| |
− | ६. संगीत के साधन
| |
− |
| |
− | ७. लोगों का बोलने का ढंग
| |
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− | ध्वनिप्रदूषण का निवारण करने के क्या उपाय
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− | हैं?
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− | अच्छी ध्वनिव्यवस्था के शैक्षिक लाभ क्या हैं ?
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− | ध्वनिप्रदूषण निवारण के. एवं. अच्छी
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− | ध्वनिव्यवस्था बनाये रखने के आर्थिक एवं
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− | मानवीय प्रयास क्या हो सकते हैं ?
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− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
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− | प्रश्नावली से पाप्त उत्तर
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− | जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण जैसे शब्दों से हम
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− | सुपरिचित हैं । वैसा ही खतरनाक शब्द ध्वनि प्रदूषण भी
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− | है। विद्यालयों में इस ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए
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− | व्यवस्थयें कैसी हों, यह जानने के लिए प्रश्नावली बनी है ।
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− | विद्यालयों में होने वाले कोलाहल का नित्य अनुभव करने
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− | वाले आचार्यों ने इन आठ प्रश्नों के उत्तर भेजे हैं ।
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− | १, छात्रों के सतत कोलाहल से होने वाले शोर से ही
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− | ध्वनि प्रदूषण होता है। ऐसा उनका मत है । २. ध्वनि
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− | प्रदूषण के स्रोत में छात्रों का जोर जोर से चिछ्ठाना, दूर के
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− | मित्र को चिछाकर बुलाना, आस पास की कक्षाओं से ऊँचे
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− | स्वर में पढ़ाने की आवाजें आना, सूचनाएँ देने के लिए
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− | ध्वनिवर्धक यन्त्र का उपयोग करना आदि । इन सबके साथ
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− | साथ जब विद्यालय शहर के मध्य में अथवा मुख्य सड़क पर
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− | स्थित है तो आने जाने वाले वाहनों की कर्णकर्कश
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− | आवाजों के कारण विद्यार्थी ठीक से सुन नहीं पाते, परिणाम
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− | स्वरूप शिक्षकों का seen में बोलना, शिक्षकों द्वारा
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− | डस्टर को जोर से टेबल पर मारना आदि बातों से अत्यधिक
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− | शोर मचता है । इस ध्वनि प्रदूषण को रोकने हेतु विद्यालय
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− | का मुख्य सडक से दूर होना, छात्रों व आचार्यों का चिछ्ठा
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− | कर न बोलना, ध्वनि वर्धक यन्त्र का अनावश्यक उपयोग
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− | न करना आदि उपाय सूचित किये हैं ।
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− | अभिमत : विद्यार्थियों को शान्त स्वर में बोलने का
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− | अभ्यास करवाना चाहिए । शिक्षकों का शान्त स्वर में
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− | बोलना भी इसमें सहायक होता है ।
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− | अति उत्तेजना से आशान्ति बढती है, अतः बार-बार
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− | उत्तेजित न हो, इसलिए ब्रह्मनाद व ध्यान करवाना चाहिए ।
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− | अत्यधिक कोलाहल होने से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य
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− | पर विपरीत परिणाम होता है । सीखते समय एकाग्रता नहीं
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− | बन पाती । आकलन शक्ति व स्मरणशक्ति क्षीण होती है ।
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− | विद्यालय में अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया में ध्वनि तो होगी
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− | ही, परन्तु तेज, कर्कश व आवेशपूर्ण ध्वनि के स्थान पर
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− | शांत, मधुर व आत्मीयता पूर्ण ध्वनि बोलने से शोर भी नहीं
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− | होता और छात्रों की एकाग्रता भी बढती है, शान्तवातावरण
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− | का मन पर अनुकूल प्रभाव पडता हैं। छात्रों की
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− | ग्रहणशीलता व धारणाशक्ति बढती है, आकलन जल्दी होता
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− | है, बुद्धि कुशाग्र होती है और इन सभी बातों से ज्ञानार्जन
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− | भी अधिक होता है ।
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− | ध्वनि प्रदूषण रोकने हेतु आर्थिक उपायों से अधिक
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− | कारगर मानवीय प्रयास ही उपयोगी होंगे । नीरव शांतता
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− | और भयप्रदू शांतता के अन्तर को समझना होगा । एक
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− | समाचार पत्र में पढ़ा था कि दिल्ली के एक विद्यालय में
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− | मौनी अमावस्या के दिन मौनाभ्यास होता है । विद्यालय के
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− | सारे कार्य यथावत होते हैं, परन्तु प्रधानाचार्य, शिक्षक,
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− | विद्यार्थी व कर्मचारी मौन पालन करते हैं । यह प्रयोग
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− | जीवन का संस्कार बनता है, मौन का महत्त्व समझ में आता
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− | है । वर्ष में एक दिन सबकी ऊर्जा बड़ी मात्रा में बचती है,
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− | श्रवणशक्ति भी बढती है ।
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