Changes

Jump to navigation Jump to search
Line 58: Line 58:  
* रास्ते इतने भीड़ भरे होते हैं कि छोटे छात्रों का उन पर चलना सुरक्षित नहीं होता।   
 
* रास्ते इतने भीड़ भरे होते हैं कि छोटे छात्रों का उन पर चलना सुरक्षित नहीं होता।   
 
* आजकल बच्चों का हरण करने वाले गुंडे भी होते हैं अतः बच्चों की असुरक्षा बढ़ गई है। उन्हें अकेले विद्यालय जाने देना उचीत नहीं होता।   
 
* आजकल बच्चों का हरण करने वाले गुंडे भी होते हैं अतः बच्चों की असुरक्षा बढ़ गई है। उन्हें अकेले विद्यालय जाने देना उचीत नहीं होता।   
* एक किलोमीटर से अधिक चलना बड़ों को भी आज अच्छा नहीं लगता। एक कारण शारीरिक दुर्बलता  
+
* एक किलोमीटर से अधिक चलना बड़ों को भी आज अच्छा नहीं लगता। एक कारण शारीरिक दुर्बलता है। वे थक जाते हैं । यह कारण सत्य भी है और मानसिक दुर्बलता का द्योतक भी, क्योंकि चलना पहले मन को अच्छा नहीं लगता, बाद में शरीर को । 
 +
लोग कहते हैं कि विद्यालय तक चलने में ही यदि थकान हो जाती है तो फिर पढ़ेंगे कैसे । अत: वाहन तो अति आवश्यक है । साथ ही समय बर्बाद होता है । आज इतना समय है ही नहीं इसलिये वाहन चाहिये ।
 +
 
 +
ये सारे तर्क जो वाहन की सुविधा के लिये दिये जाते हैं वे अनुचित हैं क्योंकि हम देखते हैं कि चलने के अभाव में छात्रों का शारीरिक श्रम नहीं होता है इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव होता है । छात्र अवस्था से नहीं चलने की आदत हो जाने से लोग बड़ी आयु में कार्यालयों में भी चलकर नहीं जाते हैं इसलिये रास्तों पर वाहनों की भीड़ हो जाती है और असुरक्षा, समय
 +
 
 +
और पैसों की बरबादी तथा प्रदूषण बढ़ता हैं । ये सर्व प्रकार की हानि ही है। जो समय की बरबादी का बहाना बनाते हैं वे अन्य प्रकार से समय का सदुपयोग करते हैं ऐसा तो दिखाई नहीं देता है । टीवी, होटल, सैर आदि में इतना समय व्यतीत होता है कि वास्तव में अध्ययन के लिये समय ही नहीं बचता है। अतः वाहन की सुविधा व्यतीत होता है कि वास्तव में अध्ययन के लिये समय ही नहीं बचता है। अतः वाहन की सुविधा सुविधा है ही नहीं। शिक्षक, संचालक और अभिभावक कहते हैं कि छात्रों के लिये सुविधा नहीं होगी तो वे पढ़ने में मन नहीं लगा सकेंगे । घर में भी पढ़ने के लिये विशेष कुर्सी टेबल, लेंप आदि की सुविधा चाहिये । विद्यालय में भी टेबल कुर्सी नहीं होगी तो पढ़ेंगे कैसे ऐसा तर्क दिया जाता है।
 +
 
 
............. page-214 .............
 
............. page-214 .............
  
1,815

edits

Navigation menu