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| यह एक आन्तरिक परिवर्तन है और धैर्यपूर्वक निरन्तर प्रयास की अपेक्षा करता है । चाणक्य और तक्षशिला यदि आदर्श हैं तो इन आदर्शों को मूर्त करना कोई सरल काम नहीं है। | | यह एक आन्तरिक परिवर्तन है और धैर्यपूर्वक निरन्तर प्रयास की अपेक्षा करता है । चाणक्य और तक्षशिला यदि आदर्श हैं तो इन आदर्शों को मूर्त करना कोई सरल काम नहीं है। |
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− | पढ़ती हैं वे विद्यालय प्रतिष्टित हैं ।
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− | अर्थात् प्रतिष्ठा का केन्द्र बिन्दु अब बदल गया है ।
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− | ज्ञान, चरित्र, संस्कार, सेवा आदि से खिसककर पैसा, सत्ता,
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− | वैभव और नोकरी पर आ गया है । इस बदले हुए केन्द्र का
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− | इतना विस्तार हुआ है कि अब वह लोकमानस में बैठ गया
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− | है। शिक्षकों ने इसे स्वीकार कर लिया है और समाज ने
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− | इसे मान लिया है ।
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− | परन्तु इससे तो समाज की दुर्गति होगी । समाज को
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− | यदि दुर्गति से बचना है तो इस बदले हुए केन्द्र का त्याग
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− | कर ज्ञान को केन्द्र में प्रतिष्ठित करना होगा ।
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− | ज्ञान को प्रतिष्ठित करने के कुछ कठोर उपाय
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− | ज्ञान को केन्द्र में प्रतिष्ठित करने हेतु कुछ कठोर नियम
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− | भी बनाने होंगे । प्रारम्भ में वे अव्यावहारिक और असम्भव
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− | लगेंगे परन्तु अन्ततोगत्वा वे ही इष्ट परिणाम देने वाले सिद्ध
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− | होंगे ।
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− | ये नियम कुछ इस प्रकार होंगे...
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− | १, अध्ययन शुल्क क्रमशः कम करते करते निःशेष
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− | करना । शुल्क नहीं होगा तो ज्ञान पर धनिकों का
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− | प्रभाव कम होगा |
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− | २. शिक्षकों को आर्थिक स्वावलम्बन प्राप्त करना होगा ।
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− | नौकरी करना छोडकर अपनी जिम्मेदारी पर विद्यालय
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− | चलाने होंगे ।
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− | ३. शिक्षा का नौकरी से सम्बन्ध विच्छेद् करना होगा ।
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− | स्वतन्त्र रहकर, समाज की सेवा करने की वृत्ति से,
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− | समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उद्योग कर
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− | अथर्जिन करना सिखाना होगा । इस प्रकार समाज की
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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− | आर्थिक स्वतन्त्रता निर्माण करनी
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− | और चरित्र से जाना जाय इसे बार बार लोगों के
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− | होगी । स्वतन्त्र समाज अपने स्वमान की रक्षा करता समक्ष बताना होगा ।
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− | है और शिक्षा का सम्मान करता है । ७... भारतीय ज्ञानधारा को युगानुकूल प्रवाहित करने हेतु
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− | ¥. चरित्र का सम्मान करना होगा । शिक्षकों को स्वयं अध्ययन और अनुसन्धान के कार्य को भारतीय
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− | चसि्रिवान बनकर विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाना जीवनदृष्टि में केन्द्रित करना होगा ।
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− | होगा । यह एक आन्तरिक परिवर्तन है और धैर्यपूर्वक निरन्तर
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− | ५... परीक्षा केन्द्रों को विद्यालय में लाना होगा । शिक्षक... प्रयास की अपेक्षा करता है । चाणक्य और तक्षशिला यदि
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− | ही अपने विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र दे सकें ऐसा... आदर्श हैं तो इन आदर्शों को मूर्त करना कोई सरल काम
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− | विश्वसनीय बनना होगा । नहीं है ।
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− | &. विद्यालय भवन और सुविधाओं से नहीं अपितु ज्ञान
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