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चने की दाल का आटा अर्थात् बेसन के मोटे आटे को घी में सेंककर उसमें पीसी हुई शक्कर मिलाकर बनाया गया लड्डू अर्थात् बेसन का लड्डू। अत्यंत स्वादिष्ट, पौष्टिक, मात्रा में साथ ले जा सकते हैं, कभी भी खा सकते हैं। वैष्णव एवं स्वामीनारायण पंथ का यह प्रिय प्रसाद है।
 
चने की दाल का आटा अर्थात् बेसन के मोटे आटे को घी में सेंककर उसमें पीसी हुई शक्कर मिलाकर बनाया गया लड्डू अर्थात् बेसन का लड्डू। अत्यंत स्वादिष्ट, पौष्टिक, मात्रा में साथ ले जा सकते हैं, कभी भी खा सकते हैं। वैष्णव एवं स्वामीनारायण पंथ का यह प्रिय प्रसाद है।
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===== ५. राब =====
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घी में आटा सेंककर उसमें पानी और गुड मिलाकर उसे उबालने पर पीने जैसा जो तरल पदार्थ बनता है वह है राब । हलवा बनाने में प्रयुक्त सभी पदार्थ इसमें होते हैं परन्तु राब पतली होती है। पीने योग्य है।
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स्वादिष्ट, पाचनमें लघु, बीमारी के बाद भी पी सकते हैं, शरीरकी ताकत बनाये रखती है।
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। कुछ लोग इसमें अजवाईन अथवा सुंठ भी डालते है। पीपरीमूल का चूर्ण मिलाने से यही राब औषधीगुण धारण करती है। कोई बारीक आटे की बनाता है तो कोई मोटे आटे की। कोई गेहूँ के आटे की बनाता है तो कोई बाजरी अथवा चावल के आटे की, जैसी जिसकी रुचि और सुविधा।
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===== ६. चीला =====
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चावल अथवा बेसन के आटे को पानी में घोलकर उसमें नमक, हलदी, मिर्ची इत्यादि मसाले मिलाकर अच्छी तरह से फेंटा जाता है। बाद में तवे पर तेल छोडकर उस पर चम्मच से आटे का तैयार घोल डालकर रोटी की तरह फैलाया जाता है। उसके किनारे पर थोडा थोडा तेल छोडकर उसे मध्यम आँच पर पकाया जाता है। एक दो मिनिट में एक ओर से पक जाने पर उसे दूसरी ओर से भी सेंका जाता है। यह पदार्थ मीठा अचार, खट्टी-मीठी चटनी के साथ बहुत स्वादिष्ट लगता है। ख़ाने में कुछ वायुकारक मध्यम प्रमाण में पोषक, बनाने में अत्यंत सरल, शीघ्र और खाने में अति स्वादिष्ट ।
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===== ७. मालपुआ =====
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गेहूं के आटे को पानी में भिगोकर घोल तैयार किया जाता है। उसमें गुड मिलाया जाता है। बादमें चीले की तरह ही पकाया जाता है। इसमें तेलके स्थान पर घी का उपयोग होता है।
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मालपुआ बनाने में थोडा कौशल्य आवश्यक है। इसकी गणना मिष्टान्न में होती है और साधुओं को अतिप्रिय है। इसे दूधपाक के साथ खाया जाता है।
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घर में भी अनेक लोगों को पसंद होने पर भी चीले जितना यह पदार्थ प्रसिद्ध एवं प्रचलित नहीं है।
    
मोटे तौर पर जिसमें चिकनाई अधिक है उसे स्निग्ध
 
मोटे तौर पर जिसमें चिकनाई अधिक है उसे स्निग्ध
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