==== विद्यालय संचालन में विद्यार्थियों का सहभाग ====
==== विद्यालय संचालन में विद्यार्थियों का सहभाग ====
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===== विद्यालय क्या है =====
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क्या विद्यालय एक कार्यालय है ? क्या विद्यालय एक कारखाना है ? क्या विद्यालय एक व्यापारी संस्थान है ? क्या विद्यालय एक न्यायालय है ? क्या विद्यालय एक कैदखाना है ? क्या विद्यालय एक दुकान हैं ? वर्तमान विद्यालयों को देखते हैं तब विभिन्न सन्दर्भो में उपरिलिखित संज्ञायें देने को ही मन करता है। कभी लगता है कि विद्यालय एक कार्यालय ही है जहाँ विभिन्न नियमों और कानूनों के तहत प्रवेश, शुल्क, उपस्थिति, अध्यापन, परीक्षा प्रमाणपत्र आदि बातें संचालित होती हैं । कभी लगता है कि वह एक कारखाना है जहाँ जीवन्त मनुष्य नहीं अपितु डॉक्टर, वकील, बाबू, मजदूर आदि उत्पन्न किये जाते हैं। कभी लगता है कि यह एक बडा मॉल हैं जहाँ पैसे के बदले में जो चाहें मिलता है। परिभाषा मान्य नहीं है। हम सहजतापूर्वक मानते हैं कि विद्यालय एक परिवार है और उसका संचालन परिवार की तरह होता है।
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===== विद्यालय एक परिवार है =====
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विद्यालय परिवार के दो ही प्रमुख अंग हैं । एक है शिक्षक और दूसरा है विद्यार्थी । शिक्षाक्षेत्र की वर्तमान व्यवस्था में और दो पक्ष जुड गये हैं। ये हैं सरकार और संचालक । मूल भारतीय व्यवस्था में नियन्त्रण और संचालन करने की व्यवस्था विद्यालय के अन्तर्गत ही रहती थी, बाहर से किसी प्रकार का नियन्त्रण और नियमन नहीं होता था।
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विद्यालय यदि परिवार है तो उसका संचालन भी परिवार की ही रीतिनीति से होता है। परिवार संचालन के सूत्र हैं स्वतन्त्रता, स्वजिम्मेदारी और स्वपुरुषार्थ । परिवार का नियन्त्रण आन्तरिक व्यवस्था से ही होता है, परिवार